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________________ एकीभावस्तोत्रके तरीकाकार कण ती पूर्णरूप से तो उद्धृत नहीं की है, पर जो अंश लिखा है, उससे कुष्ठ व्याधिका संकेत मिलता है। बताया है - "मेरे अन्तःकरणमें जब आप प्रतिष्ठित हैं, तब मेरा यह कुष्ठ रोगाक्रान्त शरीर यदि सुवर्ण हो जाये, तो क्या आश्चर्य है ।" स्थिति-काल वादिराजने अपने ग्रन्थों की प्रशस्तियों में रचना कालका निर्देश किया है । ये प्रमेयकमलमार्तण्ड और न्यायकुमुदचन्द्रके रचयिता प्रभाचन्द्र के समकालीन और अकलंकदेवके ग्रन्थोंके व्याख्याता है । कहा जाता है कि चालुक्य नरेश जयसिंहकी राज्यसभा में इनका बड़ा सम्मान था और ये प्रख्यात वादी गिने जाते थे। जयसिंह ( प्रथम ) दक्षिणके सोलंकीवंशके प्रसिद्ध महाराज थे । इनके राज्यकालके तीससे अधिक दानपत्र और अभिलेख प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें सबसे पहला अभिलेख शक संवत् ९३८ ( ई० सन् १०१६ ) का है और अन्तिम शक संवत् ९६४ ( ई० सन् १०४२ ) का है । अतएव इनका राज्य-काल ई० सन् १०१६-१०४२ ई० तक हैं । वादिराजने अपना पार्श्वनाथचरित 'सिंहचक्रेश्वर' या 'चालुक्यचक्रवर्ती' जयसिंहदेवकी राजधानीमें निवास करते हुए शक संवत् ९४७ ( ई० सन् १०२५ ) कात्तिक शुक्ला तृतीयाको पूर्ण किया था। यह राजधानी लक्ष्मीका निवास और सरस्वतीकी जन्मभूमि थी । यशोधरचरितके तृतीय सर्गके अन्तिम पद्य और चतुर्थ सर्गके उपान्त्य पद्यमें कविने कोशलपूर्वक महाराज जयसिंहदेवका उल्लेख किया है। अतः इससे स्पष्ट है कि यशोधरचरितकी रचना भी कविने जयसिंहके समय में की है। पार्श्वनाथचरितकी प्रशस्तिके आधारपर जयसिंहकी राजधानी कट्टर नामक स्थान माना जाता है। यह स्थान मद्रास प्रान्त में एक साधारण गांव है, जो बादामीसे बारह मील उत्तरकी ओर है । १. हे जिन मम स्वान्तः गेहूं ममान्तःकरणमन्दिरं त्वं प्रतिष्ठ सन् इदं मदीयं कुष्ठरोगाक्रान्तं" "एकीभाव, वृत्ति, श्लोक ४ । २. शाकान्दे नगवाधिरन्ध्रगणने संवत्सरे कोचने मासे कालिकनाम्नि बुद्धिमहिते शुद्ध तृतीयादिने । सिंहे याति जपादिके वसुमतीं जैनी कथेयं मया निष्पीतं गमिता सती भवतु वः कल्याणनिष्पत्तये ॥ - पा० च० प्र०५ पद्य । प्रबुद्धाचार्य एवं परम्परापोषकाचार्य : ९१
SR No.090509
Book TitleTirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherShantisagar Chhani Granthamala
Publication Year
Total Pages466
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size10 MB
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