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.कपिलबस्तु, कुशीनारा और पावाका विनाश बुद्धकी मृत्युके आस-पास हुआ और स्तूप इसके उत्तर कालमें ध्वस्त किये गये । अतएव ध्वंसावशेष सठियांवकी प्राचीनताके सूचक हैं |
वर्तमान सठियांव में तालाब और स्तूपोंके ध्वंसावशेष प्रचुर रूपमें विद्यमान हैं। पावा वैशाली - कुशीनारा मार्गपर अवस्थित थी । अतः वह कुशीनारासे दक्षिण-पूर्व होनी चाहिए। पडरौना उत्तर और उतर-पूर्व में बारह मीलकी दूरीपर है, पर यह वैशाली कुशीनारा मार्गपर स्थित नहीं है। इस विवेचन के अनुसार फाजिलनगर सठियांव ही पुरानी पावा है ।
irst atद्ध अनुश्रुतियोंके अनुसार पावा कुशीनारासे बारह मील दूर गण्डक नदी की ओर संभव है। यह कुशीनारासे पूर्व या दक्षिण-पूर्व में अवस्थित है । इस अनुश्रुतिमें कुशीनारा और पावाके वीचमें एक छोटी नदी भी बतायी गयी है, जो 'ककुत्था' कहलाती थी । यहीं बुद्धने स्नान और जलपान किया था । इस नदीका वर्तमान नाम 'घागी' है । यह कसिया से पूर्व, दक्षिण-पूर्वकी ओर छः मील दूर है ।
फाजिलनगरके भग्नस्तुपसे डेढ़ फर्लांग उत्तर-पूर्वमं बहनेवाली 'सोनुआ' 'सोनावा' या 'सोनारा' नामकी नदी है । यही नदी ककुत्था है, यह पावा और कुशीनगरके मध्य बहती है । वर्तमान में सठियांवसे डेढ़ मील पश्चिमको ओर प्राचीन नदीके चिह्न मिलते हैं, जो अन्हेया, सोनिया और सोनाका कही जाती है । इससे दो मील पश्चिम में 'घागी' नामकी एक बड़ी नदी है । पड़रौना से दस मील उत्तर-पश्चिम में सिंघा गांव के पास एक झील है, 'घागी' नदी इसीसे निकलती है । अतएव संक्षेपमें महात्मा बुद्धकी राजगृहसे कुशीनगर तककी यात्राका अध्ययन करनेपर पात्रा भोगनगर (बदरांच) और कुशीनगर के मध्य सठियाँव-फाजिलनगर हैं । परन्तु यह मध्यमा पावा नहीं है । निर्वाणस्थल सम्बन्धी बौद्धागम प्रमाण
बौद्ध वाङ्मयमें महावीरको निर्वाणभूमि पावाके सम्बन्धमं 'सामगामसुतन्त', 'पासादिकसुत', 'संगीतिपरियायसुत्त' आदि ग्रन्थोंमें उल्लेख आये हैं । ये निर्देश विद्वेषपूर्ण साम्प्रदायिक संकीर्णता के परिचायक हैं । यहाँ मूल सन्दर्भ प्रस्तुतकर निर्वाणभूमिसे संबद्ध निष्कर्ष अंकित किये जायेंगे | बताया है
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एव मे सुतं । एकं समयं भगवा सबकेसु विहरति सामगा मे । तेन खो पन समयेन निगण्ठो नातपत्तो पावार्थ अधुना कालंकतो होति । तस्स कालरियाय भिन्ना निगष्ठा द्वधिकजाता भण्डनभिन्ना निगण्ठा द्वेषिकजाता - पे० भिन्नथूपे अप्पटिसरणे ति । एवं कुत्ते आयस्मा आनंदो चुन्दं ३०६ : तोकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा