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विषय महावीरका अनुचिन्तन परिणयबन्धनसे स्पष्ट इंकार माताको विह्वलसा यौवन और गृह-निवास चिन्ताधायुगकी पुकार मचल उठा त्रिशलाका मातृत्व लोकान्तिकोंद्वारा चरणवन्दन माताको सान्त्वना चरण चल पड़े आत्म-स्वातन्थ्यकी बेला । अट्ठाईस मलगुणोंका धारण
षष्ठ परिच्छेद
तपश्चरण, वर्षावास एवं केवल्य-उपलब्धि प्रथमवर्ष-साधना : सहिष्णुता और साहस ममताकी झोपड़ी कहाँ मिट गये शल, बन गये फूल द्वितीय वर्ष-साधना : सर्पोद्बोधन सुरभिपुरमें ज्योतिविद्की भविष्यवाणी और चक्रवतित्वके लक्षण नालन्दा : आत्मशोधन गोशालकका शिष्यत्व तृतीयवर्ष-साधना : चिकारशमन मानवताका श्रृंगार चतुर्थवर्ष-साधना : क्षमाको आराधना गोशालक : घटित घटनाओंके बीच निग्रन्थता : कल्याणका मार्ग साधना और शमामृत पञ्चमवर्ष-साधना : कायंगलामें घटित घटनाएँ अग्निकृत उपसगंजय सन्देह-जन्य उपसर्ग अनार्य-देश विहार
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३० : तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्य-परम्पर।