SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ६२ ] विषय गाशा | विषय पापा/० सं० विमानतलों के बाहल्य का प्रमाण १९८४६१ चन्द्रादि को ज्येछ एवं परिवार देषिया ३०५५१६ स्वर्ग विमानों का वर्ण २०३१४९३ इन्द्रों की बल्लमा और परिवार वल्लमा देखियो विमानों के आधार का कथन २०६:४६४ ३१२॥५१७ इन्द्रमादि विमानोंके ऊपर स्थित प्रासाद२०८।४१४ सब इन्द्रों की प्राणवल्लभाओं के माम ३१७४५१८ ७. इन्द्रविभूति : इन्द्रों के परिवार देव, नाम प्रतीन्द्रादिक तीन की देवियां ३२०१५२० और पर २१४४ex लोकपालों की देविया ३२३५२० प्रतीन्द्र २१८।४६६ लोकपालों में से प्रत्येक के सामानिक देवों की देवियों ३२४१५२० सामानिक देव २१६।४६६ इन्द्रों में तनुरक्षक और परिषद देवों त्रास्निश और लोकपाल देव २२३।४६७ की देविया १२२५२१ तनुरक्षक देव २२४१४६७ प्रतीक देवों कीदेवियाँ ३३०१५२१ अभ्यन्तर, मध्यम और बाह्य परिषद् देवियों की उत्पत्ति का विधान १३३३५२४ के देव २२८४६ सौधर्मादिकल्पों में प्रवीचार का विधान ३३८।५२५ अनीक देव २३१५०० सात अनीकों को अपनी अपनी प्रथमावि इन्ट्रों के निवास स्थानों का निर्देश ४१३५२५ कक्षामों में स्थित वृषमादिकों के पर्ण का श्रेणियाँ एवं उनके मध्यस्थित नगरों के वर्णन २४७१५०४ प्रमाण प्रादि का निर्देश ३५४१५२९ प्रत्येक कमा के पन्तराल में बजनेवाले प्राकारों का उरसेष पादि वादित्र २५४१५०५ गोपुर द्वारों का प्रमाण प्रादि ३६॥५३॥ वृषमादि सेनामों की शोभा का वर्णन २५५५५०५ राजांगण के मध्यस्थित प्रासादों का प्रत्येक कक्षा के नर्सक देवों के कार्य २६०५५०६ विवेचन ३७०१५३४ सप्त अनीकों के प्रधिपतिदेव २७३१५०८ प्रासादों के उत्सेधादि का कथन ३७४१५३४ वाहमदेवगत ऐरावत हाथी २७८1५०९ सिंहासन एवं इन्द्रों का कथन ३७७१५३५ इन्द्र के परिवार देवों के परिवार देवों प्रत्येक इन्द्र की समस्त देवियों का का प्रमाण २८५५१. प्रमाण ३५२५३६ लोकपालों के सामन्त देवों का प्रमाण २८७५१० मतान्तर से सौधर्मेन्द्र की देवियों का दक्षिणेन्द्रों के लोकपालों के पारिषद् देवों प्रमाण ३६०।५३८ का प्रमाण २५६५११ इन्द्रों की सेवाविधि ३६१११३८ सत्तरेन्द्रों के मोकपालों के पारिषद देवों प्रधान प्रासाद के अतिरिक्त अन्य चार का प्रमाण २९११५११ प्रासाद ३९९४५३२ लोकपालों के सामन्त देवों के तीनों पारिषदों इन्द्र के प्रासादों के सम्मुख स्थित स्तम्भ ४०१।५४० का प्रमाण २६२।११२ इन्द्र भवनों के सामने न्यग्रोश वृक्ष ४०५1५४१ लोकपालों के अनीकादि परिवार देव २६३३५१४ सुषर्मा सभा ४१०॥५४२ लोकपालों के विमानों का प्रमाण २६७१९१४ । उपपाद समा ४१३३५४२ A
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy