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________________ [६ ] गाथा पृ० सं० | विषय गाया पृ० सं० लवासा में अभ्यन्तर वीथी और जगती धासको खस्य सूर्य पादि के अन्तर के अन्तराल का प्रमाण ५६०४०२ प्रमाण ५.३४०६ घातकी खण्ठ द्वीप में जगती से प्रथम कालोदधि में स्थित सूर्य आदि के वीथी का अन्तराल ५६॥४०३ बार प्रमाण ५८४१० कालोदधि में अगती से प्रथमवीथीगत पुष्करायगत सूर्यादि के अन्तर प्रमाण ५८७४१० चन्द का प्रस्तराल ५६२।४०३ जम्बूद्वीप में पन्तिम मार्ग से सम्पन्त र पूष्कराद्वीप में जगती से प्रथम बीधीपत में किरणों की गति का प्रमाण ५९.४११ चन्द्र का मस्तराल ५६३४४०३ दो चन्द्रों का पारस्परिक बान्तर प्राप्त लवणसमुद्र में जम्बूद्वीपस्थ चन्द्रादि की करने की विधि किरणों को गति का प्रमाण २६१२४११ लवण समुद्रगत चन्द्रों का प्रस्तराल जम्बूद्वीपस्थ अभ्यन्तर प्रौर बाल पथ स्थित प्रमाण ५६७/४०४ सूर्य की किरणों को गति का प्रमाण ५९२।४१२ धातकी खण्डस्थ चन्द्रों का पारस्परिक लवणसमुदादि में फिरणों का फलाव ५६४४१३ अन्तर प्रमाण ५५८४०५ लवणसमुदावि में सूर्यमीथियों की संख्या ५६५४५३ कालोदधि स्थित चन्द्रों का मन्तर प्रमाण५६९।४०५ प्रत्येक सूर्य की मुहूर्त परिमित गति का पुष्करास्थित चन्द्रों का मन्तरप्रमाण ५७०।४०६ प्रमाण ५६७४१३ चन्द्रकिरणों की गति ५७१।४०६ लकणसमुद्रादि में सूर्यो को शेष प्ररूपणा १९८४१४ लवणसमुद्रादि में चन्द्रवीथियोंका प्रमाण ५७२।४०६ लवणसमुहादि में ग्रह संख्या ५९९।४१४ लवणोषि आदि में चन्द की मुहूर्त ल बणसमुद्रादि में नक्षत्र संस्था ६०१॥४१४ परिमित गति का प्रमाण प्राप्त करने नक्षत्रों का शेष कथन ६०३५४१५ की विधि ५७३।४०७ लवणसमुदि चारों को ताराभों का लवणसमुतादि में चन्द्रों की मेष प्ररूपणा५७४१४०७ प्रमाण ६.४४१५ लपणसमुदादि में सूर्यो का प्रमाण ५७५१४०७ साशपों का शेष निरूपण ६०८४१६ उपयुक्त सूर्यो का अवस्थान, प्रत्येक का लवणसमुद्रादि चारों की स्थिर ताराओं का चारक्षेत्र और चारक्षेत्र का विस्तार ५७६।४०८ प्रमाण ६.६४१६ बौयियों का प्रमाण एवं विस्तार ५७५४०० मनुष्यलोक स्थित सूर्यचन्द्रों का विभाग ६११५४१७ लवणसमुद्रादि में प्रत्येक सूर्य के चार मनुष्यलोक स्थित सर्वग्रह, नक्षत्र और तथा प्रथमपथ एवं जगती के मध्य का अस्थिर स्थिर ताराओं का प्रमाण ६१२०४१७ मन्तर प्राप्त करने की विधि ५७९।४.८ ग्रहों की संवरण विधि लवणसमुद्र में प्रत्येक सूर्य का और ममती ज्योतिष देवों की मेरा प्रवक्षिणा का से प्रथम पथ का बतराल ५८२४.९ । निरूपण ६१६.४१%
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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