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सत्तमो महाहिमा
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अर्थ — लवण समुद्र में एक सौ बारह और घातकीखण्ड में तीन सौ छत्तीस नक्षत्र
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गाथा । ६०२ - ६०५ ]
छाहसरि-जुताई, एक्करस-सयाणि कालसलिलम्भि ।
सोलुत्तर दो सहस्सा, दीय बरे पोवखरद्धम्मि ||६०२ ||
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नक्षत्र हैं ||६०२ ।'
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११७६ । २०१६ |
श्रयं - कालोद समुद्र में ग्यारह सौ छिहत्तर और पुष्करार्धद्वीप में दो हजार सोलह
विशेषा थं-
- एक चन्द्र सम्बन्धी २८ नक्षत्र हैं, इसलिए ४, १२, ४२ और ७२ चन्द्र सम्बन्धी नक्षत्र क्रमशः ११२, ३३६, ११७६ और २०१६ हैं ।
नक्षत्रोंका शेष कथन
सेसाश्रो वण्णणाश्रो, जंबूदीवम्मि जाओ रिक्खाणं ।
ताओ लवणे धाढइसंडे कालोब पोक्खर सु ॥ ६०३ ॥
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एवं क्वत्ताण परूवणा समता ।
प्रर्थ-नक्षत्रोंका शेष वर्णन जैसा जम्बूद्वीपमें किया गया है उसी प्रकार लवणसमुद्र, घातकीखण्ड द्वीप, कालोद समुद्र और पुष्करार्घद्वीपमें समझना चाहिए ।।६०३ ।।
इस प्रकार नक्षत्रों की प्ररूपणा समाप्त हुई ।
लवण समुद्रादि चाकी ताराओंका प्रमाण
दोहि चित्रय लक्खारिंग, सत्तट्ठी - सहस्स णव सर्याारिंग च । होंति हु लवणसमुद्दे, ताराणं कोडिकोडी ॥। ६०४ ॥
२६७६०००००००००००००००० |
अर्थ - लवणसमुद्र में दो लाख सड़सठ हजार नौ सौ कोड़ाकोड़ी तारे हैं ।। ६०४|| अट्ठ चित्रय लक्खाणि, तिणि सहस्साणि सग-सा रंगपि । होंति ह धावइसंडे, तारार्ण कोडकोडोओ ।। ६०५ ॥
८०३७०००००००००००००००० |