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________________ गाथा : ३७९ ] १ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ सत्तमो महाहियारो दोनों सूर्य के प्रथम पथमें स्थित रहते ताप और तम क्षेत्रका प्रमाण -- सूर्यके प्रथम पथमें स्थित रहते ९ १० ११ १२ १३ ફુ૪ १५ विवक्षित परिधि क्षत्र मेरु पर क्षेमा पर क्षेमपुरी पर अरिष्टा पर अरिष्टपुरी खड़गपुरी मंदापुरी प्रथम वीथी द्वितीय वीथी तृतीय वीथी मध्यम बीथी बाह्य वीथी ताप - क्षेत्रका प्रमाण तम क्षेत्रका प्रमाण (योजनों में) (योजनों में ) गाथा - २६७-३१० गाथा - ३६५-३७९ लवरणोदधि के छठे भाग पर पु पुण्डरीकणी पुरीपर ६७२२४३+ ६४८६ ६३२४३= १५८११x२ - ३१६२२ योजन ५३३२८+ ३५५५२ - ८८८८०१२ = १७७७६०३ ५८४७५६४ + ३८९८३ ६७४५६६६ × २= १९४९१=३, ६२६११+४१९४०३ = १०४८५२१३२ - २०६७०४६, ६८०५८६०+४५३७२११ = ११३४३११४ २ २२६८६२६, ७२४६४ + ] ४८३२९५ १२०८२४३६४२२४१६४८६ ७७६४१६३+ | ५१७६१४० = | F - ८२०७७१६+ ५४७१८६ ५८१४६१ = _६४५३१+ ९४५३७+ ९५०१०१ + ६५४६४ + १५८११३¥ + दो सूर्यका सम्मिलित क्षेत्र [ ३४५ १२९४०२३३x२= २५८८०५७ १३६७९५१५४२ - २७३५६१४ १४५३७४१३४२२९०७४९६, ९४५२६१६+६३०१७ १५७५४४३ ४२ = ३१५०८९ १५७५५३४२ - | ३१५१०६ | १५७५६२x२= ३१५१२४ परिधियोंका प्रमाण गाया २४६-२६५ " " " 37 ६३०२१ ६३०२४= ६३३४०= १५८३५१x२=३१६७०२, ६३६६२६ १५९१५७४२ = ३१८३१४ १०५४०९१= |२६३५२३४२ = ५२७०४६" 23 23
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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