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[ ३६] जो जम्बूद्वीप के समान खंडों की संख्या होती है । गाथा ५/२६२ यहाँ लवण समुद्र का क्षेत्रफल (१०) ६००] वगं योजन है जो जम्बूद्वीप के क्षेत्रफल (१०) [२५] वर्ग योगा में :४ गुभा है।
इसीप्रकार अन्य द्वीप समुद्रों के सम्बन्ध में ज्ञातव्य है ।
पुनः, पुष्करवर द्वीप का क्षेत्रफल=(१०) [ (१०) - (१) ] वर्ग योजन अथवा (१०) [७२०००] वर्ग योजन है जो जम्बूद्वीप से २८८० गुणा है, तथा कालोदधि समुद्र की खण्ड शालाकानों से चौगुना होकर ६६ ४२ अधिक है. अर्थात् २८८० = (४४६७२)+२ (९६) है । सामान्यतः यदि किसो अधस्तन द्वीप या समुद्रकी खंड शलाकाएँ Kn' मानली जायें जहाँ ।' की गणना घातकी खंड द्वीप से प्रारम्भ हो तो, उपरिम समुद्र या द्वीप की खंडशलाकाओं की संख्या (४x Kan') +२-१ (९६) होगी।
यहाँ प्रक्षेप ९६ का मान निकालने का सूत्र निम्नलिखित हैप्रक्षेप ९६=
__Ksn' Do
१०००००
इस सूत्र में Kon' उस द्वीप या समुद्र की खंड शलाकाएँ हैं तथा Do' विस्तार है । गापा ५/२६३
जम्बूद्वीप के क्षेत्रफल से अल्प वहृत्व जम्बूद्वीप का क्षेत्रफल =(१०).३ (२५) वर्ग योजन
१ गुणा लवणसमुद्र का क्षेत्रफल =(१०) (६००) वगंयोजन
२४ गुणा धातको द्वीपका क्षेत्रफल =(१०) ३ (३६००) वर्गयोजन
१४४ गुणा कालोदधि समुद्रका क्षेत्रफल =(१०) ३ (१६८००) वर्गयोजन
६७२ गुणा यही लवरणसमुद्र की खंड शलाकाएं धातकीखंड द्वीप की शलाकाओं से ( १४४-२४ ) या १२० अधिक है।
कालोदधि की खंड शलाकाएं धातकीखंड तथा लवणसमुद्र की शलाकाओं से (६७२)-(१४४२४ ) या ५०४ अधिक हैं।
इम वृद्धिके प्रमाण को (१२०)४४ + २४ लिखते हैं। इसप्रकार अगले द्वीप की इस वृद्धि का प्रमाण {{५०४) x ४ }+ (२४२४}} है