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तिलोयपण्णत्ती [ गाथा : १९७-२०० विशेषार्थ-ग्यारहवें पथमें चन्द्र एक मुहूर्तमें [३१७३९२४ : ३३१३५] ५११० योजन, २ कोस, १२२२ धनुष, • हाथ और कुछ कम ७ अंगुल प्रमाण गमन करता है ।
जोयण-पंच-सहस्सा, एक्क-सयं चोद्दसुत्तरं कोसो। लद्ध मुहत्त • गमरणं, बारसम - पहे सिदंसुस्स ।।१६७।।
५११४ १ को १५ अर्थ-बारहवें पथमें चन्द्रका मुहूर्त-गमन पांच हजार एक सौ चौदह योजन और एक कोस प्रमाण प्राप्त होता है ।।१९७।।
विशेषार्थ-बारहवें पथमें चन्द्र एक मुहूर्त में [ ३१७६२२४३३ ३३४३५ ] ५११४ योजन, १ कोस, ८५२ धनुष, ३ हाथ और कुछ अधिक १४ अंगुल प्रमाण गमन करता है ।।
अट्ठारसुत्तर - सयं, पंच • सहस्साणि जोयणाणि च । लद्ध मुहत्त - गमणं, तेरस - मग्गे हिमंसुस्स ॥१९॥
अर्थ-तेरहवें मार्ग में चन्द्रका मुहूर्त-गमन पाँच हजार एक सौ अठारह योजन प्रमाण प्राप्त होता है ।।१९८॥
विशेषार्थ- तेरहवें पथमें चन्द्र एक मुहूर्त में [ ३१७८५३१६४ १५ ] ५११८ योजन, ० कोस, ५६३ धनुष, २ हाथ और कुछ अधिक २१ अंगुल प्रमाण गमन करता है।
पंच-सहस्सा इगिसमिगिधीस-जुदं च जोयण ति-कोसा। लद्ध मुहत्त - गमण, चोइसम - पहम्मि चंवस्स ॥१६॥
५१२१ १ को ३। अर्थ-चौदहवें पथमें चन्द्रका मुहूर्त-गमन क्षेत्र पांच हजार एक सौ इक्कीस योजन और तोन कोस प्रमाण प्राप्त होता है ॥१९९।।
विशेषार्थ-चौदहवें मार्ग में चन्द्र एक मुहूर्त में [ ३१८०८३३९४११९३५ ] ५१२१ योजन, ३ कोस, २३४ धनुष, २ हाथ और कुछ अधिक ४ अंगुल प्रमाण गमन करता है।
पंच-सहस्सेक्क-सया, पणुवीस जोयणा दुवे कोसा। लद्ध मुहुरा - गमणं, सीवंसुणो बाहिर - पहम्मि ॥२०॥
५१२५ । को २ । अर्थ-बाह्य पथमें चन्द्रका मुहूर्त-गमन पांच हजार एक सौ पच्चीस योजन और दो कोस प्रमाण प्राप्त होता है ॥२०॥
विशेषार्ष-बाह्य ( पन्द्रहवें ) मार्गमें चन्द्र एक मुहूर्तमें [ ३१८३१३३९४१११५] ५१२५ योजन, १ कोस, १८९१ धनुष, २ हाथ और कुछ कम २२ अंगुल प्रमाण गमन करता है ।