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________________ गाथा : ३२२ ] पंचमो महाहियारो [२१३ उत्कृष्ट अव० वाले उत्कृष्ट अव० वाले उत्कृष्ट अव० वाले उत्कृष्ट प्रव० वाले उत्कृष्ट अव० वाले बादर निवृत्ति- बादर निति अस लब्ध्यपर्याप्तक | निवृत्ति अपर्याप्तक नित्ति पर्याप्तक अपर्याप्तक जीव पप्सिक जीव जीव जीव जीव स्थान-७ स्थान-७ स्थान-४ स्थान-४ स्थान-४ वायुकायिक | ४६ वायुकायिक | ७५ : द्वीन्द्रिय ८७ तेइन्द्रिय ९२ | तेइन्द्रिय ५० | तेजस्कायिक | ५१ तेजस्कायिक | ७६ ! तेइन्द्रिय ८८' चतुरिन्द्रिय / ९३ चतुरिन्द्रिय ५५ | जलकायिक | ५६ जलकायिक | ७७ ! चतुरिन्द्रिय | ८९. तीन्द्रिय ६४ | दोन्द्रिय पृथिवीकायिका ६१ पृथिवीकायिक ७८ | पंचेन्द्रिय ९१ पंचेन्द्रिय ६६ | पंचन्द्रिय | निगोद |६६ | निगोद | निगोद प्रति०७१ | निगोद प्रति० घनस्पप्ति | १५ | वनस्पति प्रत्येक शरीर प्रत्येक शरीर
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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