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गाथा : २०२ ]
ती
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या
[ ( × × × {7})+
क्र०
१.
या १ ५८३२+४ या
६५६१
२.
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अर्थ- पुनः शेष एक भागको चतुर्थ पुञ्ज में मिला देनेपर चार इन्द्रिय पर्याप्त जीवोंका प्रमाण होता है। इसकी स्थापना इसप्रकार है
(*xxx¥) ]
३.
1xs
४.
वि
(८×९×८१)+४
८१८१
नाम
पर्याप्त तेन्द्रिय जीवों का प्रमाण
पर्याप्त द्वीन्द्रिय जीवों का प्रमाण
पर्याप्त पञ्चेन्द्रियों का
प्रमाण
पर्याप्त चतुरिन्द्रियों का प्रमाण
पंचमो महाहियारो
पर्याप्त द्वीन्द्रियादि जीवोंका प्रमाण
समभाग +
7*1+
६ * * +
1 t*5
* *
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२ ।
+
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५८६४ ६५६
देयभाग==
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च
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115
105
[ १६३
२६३६
प्रमाण
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३