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________________ १४४ । तिलोयपण्पत्ती [ गाथा : २८२ या रि .. बादर और सूक्ष्म जीव राशियोंका प्रमाणपुणो एदे चत्तारि सामण्ण रासोप्रो पोषक तप्पासोग्ग-प्रसंखेज्जलोगेण खंरिदे । तत्थेग'-खंडं सग-सग-बावर-रासि-पमाणं होदि । तेउ = रि पुढदि = रि१° । आउ =रि । वाउ =रि । सेस-बहुभागा सग-सग-सुहुम-जीवा होति । तेउ = रि। पढवि : रि । प्राउ =रि: । बाउ =रि ॥ प्रर्प-पुनः इन चारों सामान्य राशियों से प्रत्येकको अपने योग्य असंख्यात लोकसे खण्डित करने पर एक भाग रूप अपनी-अपनी बादर राशिका प्रमाण होता है और शेष बहुभाग-प्रमाण अपनेअपने सूक्ष्म जीव होते हैं। विशेषार्थ-वादर ते. का० राशि तेज० राशि विशषाय-वायरस लोक या = रिया = रि या = रि बादर तेजस्कायिक जीवोंका प्रमाण । सूक्ष्म ते० का राशि= (सा०) ते० का. राशि-बादर तेज० राशि या = रि- रि या = रि-=रि + या = रि-- =रिx या = रि ( -1) या :रि सूक्ष्म ते० का० राशिका प्रमाणः । नोट--यहाँ ८ का अंक असंख्यात लोक - १ का प्रतीक है। बादर पृ० का राशि-पृ० का० राशि असं० लोक या =रि या = रि० बादर पृ० का जीवोंका प्रमाण। सूक्ष्म पृ० का० राशि = पृ० का० राशि- बादर पृ० का० राशि १. द. तज्जग,ब.क ज. तज्जेग ।
SR No.090506
Book TitleTiloypannatti Part 3
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages736
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size15 MB
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