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________________ गया : २९६२-२१६३] घनस्यो महाहियारो पर्ण:-एक, दो, चार, आठ, छह, तीन, सात. पार, पाप, पार, पाठ, और दो, इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उतने योजन और एक भाग मधिक ( २८४५४७३९८४२१ यो) बौदह पर्वतोसे रुद्ध क्षेत्रका दोरमल है ॥२९६१।। विशेषार्ष:-२६२९४७३६८४२१॥ यो०+ १६०००००००० योजन इष्वाफार पर्वतों का क्षेत्रफल = २०४५४७३५१ यो पर्वतय क्षेत्रफल है। पुष्कराषद्वीपका समस्त क्षेत्रफस पद-ब-ब-बउपका, सरायका प उ तिनायगाई। खतिष - णवाय मंक, कमेग पोक्सारवरस - सेत्तफलं ॥२६॥२॥ १३६०३४१६५४०९८ । प्रपं:-पाठ, नौ, शून्य, चार, सात, माठ, एक, पार, तीन, शून्य, इ, सीम और नो, इस अंक कमसे जो संख्या उत्पन्न हो उसने ( १३६०३४१८७४०६८ ) योजन प्रमाण मई-पुष्करवर डीपका क्षेत्रफल है ।।२९६२।। विषा:-गापा २५६१-२५६२ के नियमानुसार-पुरकरा, होपकी सूची ४५ लाख यो० और व्यास ८ लाख यो० है । उसका सूक्ष्म क्षेत्रफला इसप्रकार होगा 11( १५००.००४ २) - ( ८००.०४२}] x (१०० x १० % १९६०३४१८५४०६८ योजन । यहाँ जो मेष बचे हैं ने छोड़ दिए गये हैं। पर्वत रहित पुष्कराका क्षेत्रफलसग-सग छप्पण-भ-पम-बाउ-पव-सग-पंच-सच-पम-गवयं । पंक - कमे बोयणया, होदि फलं तल गिरि - रहि ॥२६६३॥ २०७५७६४५०५६७७। w:-सात, सात, छह. पांच, शून्य, पांच, बार, नौ, सात, पांच, सात, शून्य और नौ, इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उतने ( १०७५७६४५०५६७७ ) योजन प्रमाण पुष्कराचंद्वीपके पर्वत-रहित क्षेत्रका क्षेत्रफल है ॥२१३|| ६३६०३४१८७४०१८ – २८४५४७३६८४२१ । यहाँक से छोड़ दिए गये हैं)२०७५७६४५०५६७७ योजन ।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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