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गारा : २९५६-२६५८ ] पजत्यो महाडियारो
[ ७५ प:-तीन, एक, सात, शून्य, पार. सोन भौर एक, इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उतने योजन और छिहत्तर भाग पधिक दोनों क्षेत्रोंकी अन्तिम तया देवारण्य एवं भूतारण्यकी मादिम लम्बाई (१३४०७१३. यो. ) है ॥२६॥ १३५० १६१३३३ - ४ १ ३४०४१३६१३ यो।
देवारम्य-भूतारण्यको मध्यम लम्बाईपउ-तिय-दगि पण-ति-तिब, एक सा सपं च चत-पहिय ।
भूगा • वेवारजे, हवेदि मम्झिरल · बोहरा ॥२६५६|| mastri .. Avar LATERTI ARTIN KER
पर्य।-बार, तीन, एक, पांच, ग्रीन, तीन और एक, इस लंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उसने योवन और एकसौ पार भाग अधिक देवारम्य एवं भूतारण्यको मध्यम लम्बाई ( ३१ यो• ) है ॥२६५६।। १३४०७१३ - १५७ -१३३५१३४१ यो ।
दोनों बनोंकी अन्तिम लम्बाईपण-पंच-पंच-नव-युग-तिम-एक्कासा तयं च बत्तीस । भूया . देवारो परोक्कं अंत - होहल ।।२९५७॥
१३२६५५५ । १३ । प्र :-पाव, पाच, पांच, नो, यो, तीन पोर एक, इस अंक कमसे जो संस्था उत्पन्न हो पचने योजन और एकसो बलीस भाग अधिक भूतारम एवं देवारम्पको अन्तिम लम्बाई { १३२६५५५ यो०) है ॥२९५७।। १३३५१३४ - ५५७11-१३२६३५सयो ।
इच्छित क्षेत्रोंको लम्बाईका प्रमाणकम्छावितु विजयान, आविम-मपिमहल-परिम-वोहले'। विजया - बमवणिय, प्र-कवे तस्स बोहरा ॥२५॥
*:-कादिक देशोंकी वादिम, मध्यम मौर अन्तिम लम्बाईसे विखयाके विस्तारको घटाकर शेषको पाषा करनेपर उसकी लम्बाई होती है ॥२९५८॥