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________________ ७६.] तिलोयपमा सो [ गापा । २६४०-२६४ दोनों मदियोंकी मध्यम सम्बाईतिय-तिय-प्रज-णभ-वो-चब-एक्कं मसा सरंच चालहियं । मात्तजले सीबोदे, पतकं मन्झ - दोहत ॥२६४०॥ १४२०५३३ । । " : तीन, तीन, यात शून्य, दो, चोर पोर एक. इस अंक क्रमसे जो संख्या निर्मित हो उतने योजन और एकसो चालीस भाग अधिक मतलला पौर सीतोदा से प्रत्येकको मध्यम लम्बाई १४२०८३३३ यो० ) है ॥२६४०॥ १४२१०७२१ - २३८३-१४२०८३३सर । दोनों नदियोको अन्तिम और दो देशोंकी प्रादिम लम्बाईपण-णव-पव-गाम-बो-बर-एक्साय होलि चत्तारि । यो • सरियाणं मतं, आपिल्लं बोषु विजयाणं ॥२६४१|| १४२.१६५ । । प:-पाच, नो, पांच, पान्य, दो, चार और एक, इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उत्तने योजन पौर बार भाग अधिक दोनों नदियोंको अन्तिम तथा पांबा एवं वप्रकावती नामक दो देशोंको प्रादिम लम्बाईका प्रमाण ( १४२०५६५ र यो० } है ॥२९४१।। १४२०६३३ - २३८११४२०९६५ यो। दोनों देशोंकी मध्यम समाईछ-स्पाउ-गि-एक्कमक, धउरेमकंसा सयं च सद्वि-खुदं । मज्झिल्लय - वोहत्त, संसाए दप्पकावविए ॥२६४२।। १४१११४६ । । वर्ष:-छह बार, एक, एक, एक, घार और एक, इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उतने योजन और एकसौ साठ भाग अधिक शाला एवं वकायती देशको मध्यम लम्बाई ( १११४६१ यो है ।।२१४२। १४२०५६५.. - ९४४ -१४६११४६९यो। दोनों देशोंकी पन्तिम पौर दो रक्षार-पवंतोंको भाविम लामाईअड-पर-शुपक्का गर्भ, पउ-एक्सा समं बरहियं । हो - विजयाणं असं, प्राविल्स पोमु वपसारे ॥२६४३॥ १४.१६९= IRAT
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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