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माया : २७५५-२७५७ ]
जय महाहियारो
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अर्थ :- ( घातकी खण्डके ) सम्पूर्ण क्षेत्रफलमे से चोदह पर्वतों से रुद्ध क्षेत्रफलको घटाओ । जो शेष रहे उसमें दोसो चारका पर जो उतना भरतक्षेत्रका क्षेत्रफल होता
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है ।।२७५४।।
छुवक-युग-पंच-सतं, अंक-कमे जोयना, चढवाल कलाओ भरह
( ११३८४१६६७६६१ योजन भरत क्षेत्रका क्षेत्रफल ।
भरहु ५०३२४६७५२६ । ।
प्र : भरत क्षेत्रका क्षेत्रफल खह दो, पांच, सात, छह, चार दो, सीन, शून्य और पोष इस अंक क्रमसे जो संख्या निर्मित हो उससे चवालीस कला अधिक ( ५०३२४६७५२६३३६ योजन प्रमाण ) है ।।२७५५३
७१५३६८४२१० } - २१२ = ५०३२४६७५२६६१
एवं चिय च तं वेयं च
हैमवत और हरिवर्ष क्षेत्रोंका क्षेत्रफल
'खच्चर - युग-तिथि- सुण्ण-पंचाणं ।
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लिने, सफल होदि हमनद लेते।
गुणियं हरिवरिस विदोए खेत फलं ॥। २७५६ ॥
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चौगुना करनेपर हरिवर्ष क्षेत्रका क्षेत्रफल प्राप्त होता है ।। २७५६ ।।
शेष क्षेत्रोंका क्षेत्रफल -
:- भरत के क्षेत्रफलको तुना करनेपर हैमवत क्षेत्रका क्षेत्रफल ओर इसको भी
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हरियरिसक्खेचफलं चक्क गुणिवं विदेह खेत्तफलं ।
सेस वरिले कमसो, चउगुण हानीम गरिणबलं ॥। २७५७॥
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है २०१२६८७० १०४ ।
वि ३२२०७७६२१६७७ । २
२
फलं ।। २७५५ ।।
... . . . सछ ।
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। हरि ८०५१६४८०४६ |
।
८०५१६४८०४१६
हद २०१२८७०१०४ । ३ । प्रइराब्द ५०३२४६७५२६ । 1
:- हरिवर्ष के क्षेत्रफलको बारसे गुणा करनेपर विवेहका क्षेत्रफल प्राप्त होता है। इसके
भागे फिर क्रमश: शेष क्षेत्रोंके क्षेत्रफलमें चौगुनी हानि होती गई है ।।२७५७।।