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________________ गावाः । २७०३-२७०५ ] चउत्पो महाहियारो [ ७२५ म:-दोनों यक्षार-पर्वतोंको अन्तिम और वना एवं पुष्कलामती क्षेत्रको बादिम सम्बाई शून्य, माठ, दो, माठ, सात भोर पांच इस अंक क्रमसे जो संस्था उत्पन्न हो उसने योजन भोर बारहके वर्ग पर्यात् एकसौ चवालीस भाग अधिक ( ५७६२८०१ योजन प्रमाण ) है ।।२७०२।। ५७७८०३ +rawst=१७५२८०० योजन । दोनों देशों को मार लम्बाई Lasir चउ-छमाह- • प्रसं, पंच ५ असा सहेच परोपकं । मग्भिलं बीहत, बप्पाए पोक्खालावविए ॥२७०३॥ ५८१८६४४। बर्ष:-वत्रा और पुरकलावती क्षेत्रमेंसे प्रत्येककी मध्यम लम्बाई चार, छह, आठ, दो, पाठ मोर पार इस मंक कमसे जो संख्या उत्पन्न हो उतने योजन एवं एकसौ पवालीस पाग पधिक (५१२०६४ योजन प्रमाण ) है ।।२७-३।। ५७८२८०४+४५८४५८२८४सायोजन । दोनों देशोंको अन्तिम मोर भूतारण्य-देवारण्यकी माविम लम्बाईप्रा-बान-बर-सार-पत्र, मंसा से व पोसलादबिए। बप्पाए मंस - बोह, माविरुवं भूद • देवरणासं ॥२७०४।। ५८७४४ । । म:-पुकसावती और वप्रा क्षेत्रको अन्तिम तया भूतारण्य एवं देवारम्पकी आदिम सम्बाई पाठ, पार, चार, सात, आठ मोर पांच इस मंक कमसे निर्मित संख्यासे एक सौ पवालीस भाग अधिक (५८५४ायोजन प्रमाण ) है ॥२७०४॥ ५८२६४ +४५८४-२८७४ पोजन । दोनों वनोंको मध्यम लम्बाईअटु-तिय-बोणि-अंबर-पव-पन-क-कमेग पीसा । भागा मरिझम • वीह, पत्तेवक देव - भूबरगाणं ॥२७०५॥ ५६०२३८ । ।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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