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गापा । २६८४-२६६७ ] पतस्यो महाहियारो
[ ७१६ दोनों देशोंको अन्तिम मोर दोनों पर्वतोंकी आदिम लम्बाईप्र-छ-कु-टु-तिय-पण वोहं विजयाण पदम - कबस्स । तह सूर • पदाए, अंतं पारिल्ल - दोहा ॥२६४।।
५३५२६८। पर्य :- उमाशों देशोंको तिtar Xट गहरा पूर्व पर्वतको आदिम लम्बाई आठ, छह. दो, आठ, तीन पोर पांच इस अंक क्रमसे जो संख्या निर्मित हो उसने ( ५३८२६८) योजन प्रमाण है ॥२६८४।। १३३६५४+४५८४ =५३५२६८ योजन ।
दोनों वक्षार पर्वतोंको मध्यम लम्बाईपण-उ-सगढ़-तिय - पण • भागा सट्ठी होवि पत्तक । वर - परम - कूड सह सूर - पग्वए माझ • बोहत ॥२६८५॥
५३७४५।१५। प:-उत्तम पप्रकूट और सूर्यपर्वतकी मध्यम लम्बाई पांच, चार, सात, आठ, तीन मोर पांष इस अंक क्रमसे जो संख्या निर्मित हो उससे साठ भाग मधिक (५३८यो ) है ॥२६ ॥
५३५२६+४७७१५३८५४५१११ योजन।
दोनों पर्वतीको मन्तिम और दोनों ऐसों की प्रादिम लम्बाईरोहोरो-पक-तिष - पण अंसा बीसुतरं सयं रोह। अंतयातु गिरीनु, आरो वगए कम्छकाबपिए ॥२६८६॥
५३६२२२ । ११ । म:-उपयुक्त दोनों पर्वतोंको मन्तिम और वस्तु ( गन्धा ) एवं कमछुकावती देशोंकी पादिम सम्बाई दो, दो, दो, नो तीन और पांच इस अंक क्रमसे जो संख्या उत्पन्न हो उससे एकसौ पौस भाग अधिक ( ५३६२२२६॥ योजन प्रमाण ) है ॥२६०६।। ५३८७४+४ =५३९२२२६ योजन।
दोनों देशोंकी मध्यम लम्बाईछन्मम-मर-तिय-घर-पन मक-कमे बोयसारिण पुम्वृत्ता। अशा मनिमम बोहं. बगए कन्कापषिए ॥२६८७।।
५४३८०६ । ।