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________________ [ ३५ गापा : ११३] पउत्यो महाहियारो मार्गदर्शक :- आचार्य श्री शुद्धिसागर जी महाराज वस्लिम-विस सेडीए, पणास पुराणि पुजबर-विसम्मि'। उत्तर - सेडीए तह, गयरामि सहि बेहति ॥११॥ ६५.। उ६०। भर्ष:-पूर्वसे पश्चिम दिशाको मोर दक्षिण दिद्याकी धेणीमें पचास नगर और उत्तर दिशाकी श्रेणीमें साठ नगर स्थित हैं ।।११३॥ विजयाई पर्वत , Memorrowome अभियोग्य देवों की श्रेणियाँ IA विद्याधर नगरों T W . . ' .AR AENIMIM-.. समय - पान विशेषार्थ :-यह विनयाधं पर्वत पूर्व-पश्चिम लम्बा है । इसकी कुल ऊंचाई २५ योजन है। इसके दक्षिण दिशा स्थित तट पर विद्याधरोंके ५० नगर और उत्तर दिशागत तट पर १० नगर स्पित है। १. य. बहसम्मि, व.क., म.उ. बहसिम 1 २...ब. खपराएं।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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