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________________ तालिका ४ ] यो महाहियारो [ ३३ म:-- जम्बूद्वीप के विस्तार ( १००००० यो० ) में एकसी मम्बेका भाग देनेपर पांचसो एम्बीस योजन भोर ग्रह कला ( ५२६१३ मो० ) प्रमाण भरतक्षेत्रका विस्तार कहा गया है। वर्ष ( क्षेत्र ) से दूना पवंत और पर्वतसे दूना आगेका वर्ष ( क्षेत्र ) । इसप्रकार विदेहक्षेत्र पर्यन्त क्रमश: दूनी- मी वृद्धि होतो गई है। इसके पश्चात् क्रमशः क्षेत्र पर्वत और पर्वतसे आगे क्षेत्रका विस्तार - भाषा होता गया है ।११०७ १०८।। तालिका : ४ 11 इसप्रकार विन्यास समाप्त हुआ || क्रमांक t २ 1 ४ ५ 1 < १. it १ एम्यक दक्मि १२ नाम (1 मरस हिमवान् ईमच महाहिमवान् हरि विध विदेह नीस शिकारी ऐरावत क्षेत्र - कुलाचलोंके विस्तार आदिका विवरण (गाव ६७ और १०४ - १०८ ) ऊँचाई १६० क्षेत्र / पर्यत जमाकाएँ । क्षेत्र पर्वत ཝཱ་ཎྜཱ पत पर्वत क्षेत्र ཤཱ ཟྭ क्षेत्र पर्वत तंत्र पयंत क्षेत्र १ २ Y ८ ૪ ३२ t ६ Y वर्ण १६ 12 सपनीय १ स्व सनाय सुवि X x XX चाँदी X X x दबत x R स्वर्ण योजन में x x १०० ४००००० x x मीनों में X X X ४२११८४२१०५६ =४२१ हे | ३६८४२१० ४०० १६००००० १६८४२६७३६८४२१ X x X १६८४१३४७३६८४९४ ४०० १६००००० १६८४२२६७३६८४२१५ ४२१६८४२१० ४२१० | १६८४२१०४ ते २०४५ | -४२१०३२३३ 1०५२२३४२१०५२ X COOROP x ! X १०० ४००००० योजनों में x विस्तार मीसों में ५२६८ २१० १०५२६३ | ४२१०५२६ २१०५नौ | ८४२१०५२ ५२६ २१०५२६३२
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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