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________________ चित्र विवरण खिम पाचा सं० पृष्ठ संख्या विजया एवैत गंगाकुट पर स्थित जिनेन्द्र-प्रतिमा २१२-१३३ ३२०-२२३ ३४५-१५ ७१८ ५४१-१८ २१९ ७२१- २२४ सागर जी महाराज २४४ भोनमूमि में कल्पवृक्ष समवसरण एलिसाल कोट एवं उसका तोरल द्वार मानस्तम्भ के एक विचारमक कोट, बेदी, अमियों एवं नापसालानों का चित्रण मानस्ताविकागदर्शक:-- आदर्य स्वमुक्ष भूमि समवसरखपत बारह कोठे गन्धकुटी का चित्रण अष्ट महापातिहास भरतक्षेत्र कमल पुष्पस्थित भवनों में जिनमन्दिर हिमवान कुसाबल सुमेव पर्वत पालिसा मट मंगल दृष्य सौरमैन की समा देवकुछ, उत्तरकुक व गजवन्त ८९६-१०२ १२४-१२६ 1९४५ २७७ २८४ १६४६-१७२२ १६०1 १८४२-१८५८ ५०७ १२८ ५४५ १९७५-१८५ २०३५-२- २२२० २२२५-२२४२ २२०-२१० २४१०-१५ २४४३ ५१५ पूर्वापर विवहक्षेत्र विदेह का कन्या क्षेत्र समीप की अश्यिो ज्येष्ठ (उत्कृष्ट) पाताल. वकष्ट, मध्यम, जवन्य पाताल पूणिमा बौर पमावस्याको पातालों की स्थिति मवन समुद्र के दीप कुमानुष पातकी बरोप में विजयों का आकार ६५६ २४६४-२४६५ ૨ -૨૩૨ २२२४-२४३० २५३
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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