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________________ तिलोयपम्पत्ती [ मापा : १५१६-१५२२ at:--(भवन्ति पुत्र ) पालकका राज्य साठ वर्ष, किंजप वशियों का एकसौ पचपन वर्ष, पुरुष-वधियोंका चालीस वर्ष और पुष्यमित्रका राज्य तीस वर्ष पर्यन्त रहा ॥१५॥ वसुमित्र अग्निमित्र, गन्धर्व, नरवाहन, भृत्या पोर गुप्तमिरोंका राज्यकास बसुमित - अग्गिमितो, सट्ठी गंमनपा नि सममेक। परवाहनो व बालं, तसो भयाणा बाबा sten १०।१०।४। ब:-इसके पश्चात् वसुमित्र-अम्निमित्र साठ वर्ष, गन्धर्व सौ वर्ष भोर नरवाहन पासीस वर्ष पर्यन्त राज्य करते रहे । पश्चात् भृत्यवंशकी उत्पत्ति हुई ॥१५१९॥ मस्पटुनाम कालो, रोम्णि समाई हति बाबाला । सचो गृत्ता तान, रम्ने बोगिय सवाणि' इपिसोसा ॥१५२०॥ हायक:3Anti रासाल प:-इन मृत्य (कुषाम) वंशियोंका काल दोसो बयालीस वर्ष है, इसके पश्चात फिर गुप्तवंशी हए जिनके राज्यकालका प्रमाण दोसौ इकतीस वर्ष पर्यन्त रहा है॥५२॥ ___कल्कीकी आयु एवं उसका राज्यकालतसोकको जाबो इंपुरे तस्स चजमुहो- पामो । · सत्तरि परिसा प्राम, विषय - इगियीस- र च ॥१५२। ।७।४२. :-फिर इसके पपचात् इन्द्रपुरमें बल्की उत्पन्न हया। इसका नाम पतुर्मुख, मायु सत्तर वर्ष एवं राज्यकाल बयालीस वर्ष प्रमाण रहा ॥१५२१॥ विचा:-पासकका राज्य ६. वर्ष, विजय का १५५ वर्ष, गुमण्ड ०४० वर्ष, पुष्य का ३० वर्ष, वसुमित्र + अग्नि का ६० वर्ष, गन्धर्वका १०० वर्ष. गरवाहम ४०, मृत्य० २४२, गुप्त. २३१ वर्ष पौर चतुर्मुख का ४२ वर्ष अर्थात् ६०+१५५-४० +३+६+१ +४.+२४२+ २३१+४२-१००० वर्ष ।। कस्कोको पट्टवन्धपायारंग • बराबरो, पणहतरि - जुस दु-मय - बास। बोलीस बढो, पट्टो कषिकस्स गर - पालो ॥१५२२।। । २७५ । १. ब. समामि, द.क. ज. य. म. सामि। २. ब.ब. क. न. र. रखवतो, य, रस्मृता।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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