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________________ गाथा : १४६७-१४७१ ] पउत्पो महाहियारो [ ४२५ प्र :- तृतीय रुद्रके संयम कासका प्रमाण भासठ हजार छहसी पड़सठ पूर्व कहा गया है ।।१४६६।। तेतीस • सहस्सागि, पुवाणि तिय - सपानि तेत्तीसं । यासागरस्स कहियो, कोमारो भंग - तब • कालो ।।१४६७॥ ।पु३३३३३ । ३३३३३ । अयं :-वश्वानर ( विश्वानल ) का कुमार कान मौर भङ्ग-तप-कास संतोस हजार तौनसो तेतीस पूर्व-प्रमाण कहा गया है ।।१४६७॥ तेवीस-सहस्सारिण, पुण्याणि तिय - सयाणि उतीसं' । संपम - समप - पमाणं, वासाणल - भामयस्स ॥१४६॥ । पु३३३३४ ।। पा:- वैश्वाना ( विषवान नामक लड़के संगम समयका प्रमाण तेतीस हजार तीनसो चौतीस पूर्द कहा गया है ।।१४६८।। अट्ठावीतं लक्या वासानं मुष्पइट्ठ · कोमारो । तेत्रिय - मेको संजम - कालो - तव - भट्ठ - समयस्स ॥१४६६।। २८०००० । २८००.०० । २८००००० | :-भुप्रतिष्ठका कुमारकास अट्ठाईस लाख वर्ष है, संयमकाल भी इतना ( २८ लाख वर्ष ) ही है और तप-भ्रष्ट काल भी इतना ( २८ नास्त्र वर्ष ) ही कहा गया है ।।१४६९।। बासाओ बीस-लषया, कुमार-कालो म प्रचस-णामस्त । तेचिय - मेचो' संजम - कालो तव · भट्ट - कालो म ||१४७०।। ।५०००००० । २२००००० । २०००००० । मर्ष :-अचन नामक रुका कुमारकास बोस लाख वर्ष, इतना ( २० लाच वर्ष ) ही संघमकाल पोर तप-भ्रष्ट-काल भी इतना ही है ।।१४७०।। वासा सोलस - सक्खा, छापटि-सहस्स-च-सब-छावट्ठी । कोमार · भंग • कालो, पत्तेयं पुरीयस्स ||१७९॥ १. ८. ज. स. परीसं। २. स. स. ३३१३८ । ।. द. ब. क. ज. प. उ. मेता।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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