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चतस्थो महाहियारो
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सालिका । ३४] सालिका । ३४
जातियोंके मोरह रहनों का परिचय
पमा गापाजीव या उत्पत्ति
क्या है
कार्य
१३८९ एवं | १३६३ / पजीव | स्थान
अश्व
थोड़ा
| भद्रमुख |
| सुभद्रा
पवनजय| जीव विजयाधर गुफा द्वार खुल जानेपर तुरंगरल द्वारा
बारह यो क्षेत्रको सांधना। गज हापी विजयगिरि . | वारी करना। गृहपति भण्डारी
स्व नगर में भण्डार आदि की सम्हाल करना । स्पपति | बड़ई कामवृष्टि | ॥ ॥ उमग्ना-निमग्ना नदियोंपर पुम बनाना । सेनापति | सेनाध्यक्ष | अयोध्य
॥ गुपभोंके द्वार खोलमा एवं सेना संचालन। पुरोहित [पमंप्रेरक | | बुसिसमुद्र | , , वार्मिक अनुष्ठान कराना। युवती | पटरानी | "विजयाधएर उपभोमषा साधन । आयुध अजीय वायुनञ्चामा छह बच विजयका प्रेरक साधन । सूर्यप्रभ
वर्षासे कटककी रक्षा करना । असि प्रायुध भूतमुख ___ मसंहार। प्रस्त्र प्रचण्डवेग
गुफाओंके कपाट बोलमा एवं वृषभाचल
पर प्रति लिखना। १२ काकिणी पिरतापनगी
दोनों गुफाओं में प्रकाश करना। १३ चिन्तामणि रत्न मामणि
मनोवाञ्छित कार्य सिद्धि करना। १४ चर्मरत मममय
बादि मरियों के मामले कटककी रक्षा करना ।
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छतरी
११] दा
श्रीपह
तम्बू