SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 404
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ गामा : १२८४-१२८६ ] बजत्यो महाहियारो [ ३७ प्र:-मिनाथ जिनेन्द्रका सोवतार-वर्तन-काल पाच लाख एक हजार पाठसो पर्ष प्रमाण है ।।१२३॥ बउरासीरि-सहस्सा, तिष्णि समा हॉति विगुण-भालीसा। वर-धम्म-यय - पयाल • कालो सिरिनेमि · नाहस्स ।।१२४।। व८४३८० । Azifa श्री के पिता विश्लेषक बनकाटकस काल चौरासी हजार तीनची मौर पालीसके दुगुने (२०) वर्ष प्रमाण है ।।१२।। गोणि सया महत्तरिता वासाम पासणाहस्त । इगिवीस - सहस्सानि, बुदाल पोरस्त सो कालो ।।१२८५।। वा २०० । वास २१०४२ ॥ प: पायर्वनाथस्वामीका यह तीर्थकाल दोसौ पठसर घर्ष और वीर भगरानका इकोस हजार स्यानोस वर्ष प्रमाण है ।।१२।। तोरको' तित्प - पयम - काल • पमान, पनकम्म - विणास' डा। में णिसुगंति पति पूर्णते, ते प्रपथमा - सुहाइ लहते ।।१२८६।। भ:-जो तीक्ष्ण-कोका नाश करनेवाले इस तीर्वप्रवर्तनकालके प्रमाणको मुनते हैं, पढ़ते हैं बौर स्तुति करते हैं. वे मोक्षमुखको प्राप्त करते हैं ॥१२८६।। ( तालिका : ३२ प्रमले पृष्ठ पर देखिए 1 ) १. ८. सोडिक, ब. स. उ. तोरक। २. ३. स. प. म. ३, विपासणरास ।
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy