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________________ मालिका : २२ १ ક્ Y ५ 1 J ८ १ To tt १२ " Į १५ धार की संस्था एवं तीर्थकरों के निर्मातामा १७७-१२१० याबकी। श्राषि निर्वाण प्राप्ति को संख्या मात | पा तिमि | समय | नक 手控糖 प्रमुख द्वारिकाम की संख्या धार्मिका १६०००० ब्राह्मी ३२०००० प्रकुब्या ३३०००० धर्मश्री ३३०६०० मेगा १३०००० अनन्ता ४२०००० १०००० 15.000 १८०००० १३०००० to६००० १०३००० : To५००० ६२४०० विशा मोना वरणा बोवा धरणा पारला बरसेना 1 मार्गदर्शक पया सर्वश्री मुखता " " " 40 ग 11 PI " "P २ सा IP AP י "F P· " 41 دا FI H PI संख्या ५ लाख " " " = | 10 " J " "P nl 7 · "r "" || 1. al " माघ चैत्र १ · J. គ . ४ नाक विन मूल कातिक पंचमी पूर्णाह ५०वा० यावरण पूर्णिया वनिक फाल्गुन कृष्णा पंचमी अपराधिय पाद सुषमा अश्मी प्रयोग प्र०भा मंत्र कृष्णा अमावस रेख पुष्य सह-मुरु कृष्ण चतुर्दशी पूर्वा०पा०साथ पस१०००० शुस्मा पंचमो भरणी 14 मैत्र दशमी सभा 1000 14 आचार्य श्री विधिसागर जी महाराज फाल्गुन कृष्ण चतुर्थीत्रा सम्मेर १२५ पूर्वानु Koo : 14 मारपद शुक्ला स " 4 षष्ठी राज्ये सम पूर्वान " rl " 19 I चतुरंजीव 14 FI ान : = di र १००० १००० १००० נו IP PP J. || : .. FI = = : "I पम्पापुर * ममेदमिवर ६०० 10 १००० Losa १००० १००० " Guo. ८०१ ३५८ ] [ तालिका २६
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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