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________________ विचम मंगलाचरण एवं प्रतिज्ञा (१) सोल अधिकारों के मनुष्य लोक की स्थिति एवं प्रमाण बाहूल्य एवं परिधि क्षेत्रफल गोलक्षेत्र की परिधि एवं क्षेत्रफल निकालने का विधान मनुष्यलोक का घनफल (२) की अवस्थिति एवं प्रमाण १. अ० डी० वर्शन के सोलह अन्तराधिकार जगती की ऊंचाई एवं उसका आकार जगती पर स्थित वैदिका का विस्तार बेदी के दोनों पार्श्वभागों में स्थित यत्रों में स्थित व्वन्तरदेव के नगर ० डी० के विजपादिक चार द्वार द्वारोपरिस्थ प्रासाद गोपुर द्वारस्य बिम्ब ० डी० की सूक्ष्मपरिधि का प्रमाण के क्षेत्रफल का प्रमान " विजयादिक द्वारों का भ्रन्तर प्रमाण मतान्तर से विजयादि द्वारों का प्रम विषयानुक्रम उत्यो - महाहियारो ( गापा १ - ३००६ ) गाना 'पृ० सं० ११९ રામ દાર ७।२ માર "P ७५।२५ से द्वारों पर स्थित प्रासादका प्रयास ७६०२५ ७७/२५ ७६।२६ ८६२८ ९२२६ 25120 १०२/३१ १०३८३१ क्षेत्र एवं कुलात्रों की माकाओं का प्रमाण १०४३१ F द्वारों के अभिपति देवों का निरूपण जयदेव के नगर का न जबती के अभ्यन्तर भाग में स्थित वनखण्ड जम्बूद्वीपस्थ सात क्षेत्रों का निरूपण कुलों का निरूप क्षेत्रों का स्वरूप भरतक्षेत्र का विस्तार EI 웅이 ११/४ રાષ १५/४ १९५ २५८ ४२१३ ४६११३ ५०।१४ ५११४ ५६।१७ ६७।१६ विजय क्षेत्र एवं कुलाषों का विस्तार भरत क्षेत्रस्य दिपा पर्वत की अवस्थिति एवं प्रमाण का निरूपण दक्षिण और उत्तर भरत का विस्तार मनुषाकार क्षेत्र में जीवा का प्रमाण निकालने का विमान धनुष का प्रमारण निकालने का विमान बाण का प्रभारण निकालने का विधान बिजया की दलिए जीवा का प्रमाण दक्षिण जीवा के धनुष का प्रमा विजया को उत्तर जीवा का प्रमाण उत्तरमीमा के धनुष का प्रमाण IP विजया की वृतिका का प्रमाण परजा का प्रमाण ज्ञात करने की विधि विजया की राजा प्रमाण भरतक्षेत्र की उत्तरजोधा का प्रमाण " गावा/पु० सं० twitR י के धनुष का प्रमाण की भूलिका का प्राण की पार्श्वभुजा का प्रमाण १८३५१ १६४५१ {<ZIK! १८६/४२ १८७।४३ १५८/५३ १०१।५४ महा ३०११५ १११।५५ १६२०५४ १९३५६ १६४१५६ १६५१५७ १६६१५० १६७।४६ १०६/३४ १८१।५० द्र का विस्तार गंगा नदी का वर्णन उन्मानिमाना नदियों का स्वरूप सिन्धु नदी का वर्णन भरत क्षेत्र के सड़ जाण्य गिरि का वग काल का स्वरूप एवं उसके भेद व्यवहारकाल के भेद एवं उनका स्वरूप अपि एवम् उत्सर्पिणी कालों का स्वरूप एवं उनका प्रमाण १६६१६० २००१६० २४० ॥७२ २५५७५ २६९।७८ २७३७९ २८०/८० २०७८२ ३१७/१०१
SR No.090505
Book TitleTiloypannatti Part 2
Original Sutra AuthorVrushabhacharya
AuthorChetanprakash Patni
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year
Total Pages866
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Geography
File Size12 MB
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