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* श्री वीतरागाय नमः *
श्रीपतिवृष माचार्यविरचिता
तिलोयपण्णत्ती
( त्रिलोक प्रज्ञप्तिः )
( जैन लोकज्ञान सिद्धान्तविषयक प्राचीन प्राकृत ग्रन्थ ) प्राचीन कन्नड़ प्रतियों के आधार पर प्रथम बार सम्पादित
[ द्वितीय खण्ड ]
फ्र
टीकाकर्त्री :
प्रायिका १०५ श्री विशुद्धमती माताजी
க
सम्पादक :
डॉ. चेतनप्रकाश पाटनी
प्राध्यापक, हिन्दी विभाग
जोधपुर विश्वविद्यालय, जोधपुर
फ्र
प्रकाशक :
प्रकाशन विभाग, श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन
महासभा
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