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करण-सूत्र :
प्रथम अधिकार
१७७/४८
ara assपमा तस्य माणं १९४/६० भुजपडिभुजमिलिदद्ध १८१/५२ भूमी मुहं सोहिय १७६/४८ भूमीए मुहं सोहिय १६३/६० मुह-भू-समासमयि १६५/४३ समव वासवग्गे ११७/२५
=
पदवर पदर हिदं ८१ / १६५
७. प्रस्तुत संस्करण में प्रयुक्त विविध महत्त्वपूर्ण संकेत :
श्री
ज
= प्रतर
=
=
१६
१६ ख - सम्पूर्ण पुद्गल ( की परमाणु) राशि
=
त्रिलोक
सम्पूर्ण जीवराशि
१६ ख ख= सम्पूर्ण काल
( की समय ) राशि १६ ख ख ख = सम्पूर्ण श्राकाश
( की प्रदेश ) राशि
50 = • ३ शून्य ०००
19 -
= संख्यात रि= श्रसंख्यात जी योजन
56
| वर्गमूल (गाथा २ / २८६ )
१९६-२०२
द्वितीय अधिकार
चयदलहद संकलिद ८५ / १६७ यदमिच्छूरापदं ६४ / १५८ यह मिट्ठाधियपद ७० / १६१ सुचयहृदं संकलि ८६ / १६८ पददल हद बेकपदा ८४ / १६६ पददल दिसंकलि८३/१६६ पदवां चयपहृदं ७६/१६३
उ रज्जु
१२
=
४२
कुछ कम ( गा० २ / १६६)
पोषण
सा=सागरोपम
सू सूच्यंगुल
प्र • प्रतरांगुल
घ - घनांगुल ज जगच्छ्रेणी
लोय प= लोकप्रतर
भू - भूमि को = कोस
दं दण्ड
से = शेष
ܚܫܚ
हहस्त
अं - अंगुल
घ धनुष
तृतीय अधिकार गच्छस मे गुरणारे ८०/२८७
इ इन्द्रक
सेढ़ी : श्रेणीबद्ध
प्रo प्रकीर्णक
मु = मुहूर्त दिदिन
मा=माह