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श्री आचार्य कुंथुसागर ग्रंथमाला पुष्प ४५.
श्री विद्यानंदि - स्वामिविरचितः तत्वार्थश्लोकवार्त्तिकालंकारः
( भाषाटीकासमन्वितः )
(पञ्चमखण्डः )
टीकाकार
तर्क रत्न, सिद्धांतमहोदधि, न्यायदिवाकर, स्याद्वादवारिधि, दार्शनिकशिरोमणि
श्री पं. माणिकचंदजी कौंदेय न्यायाचार्य
संपादक व प्रकाशक
पं. वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री
( विद्यावाचस्पति व्या. के. समाजरत्न, धर्मालंकार, न्यायकाव्यतीर्थ ) ओ. मंत्री आचार्य कुंथुसागर ग्रंथमाला सोलापूर.
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• मुद्रक
वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री
कल्याण पॉवर प्रिंटिंग प्रेस, कल्याणभवन, सोलापूर.
वीर सं. २४९० )
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सन् १९६४
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१२ पये 0