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श्री तपोनिधि आचार्य स्व. कुंथुसागरजी महाराज.
श्री तपोनिधि श्राचार्य वीरसागरजी
श्री परमपूज्य स्वामिन् !
बापने विश्ववंद्य दैगंबरी दीक्षाको लेकर बसंख्य आत्मावोंका कल्याण किया है।
आपकी साधना, तपश्चर्या, विद्वत्ता, योग्यता, लोकसंग्रहवृत्ति और सबसे अधिक निर्मल चारित्रसे समाधान पाकर श्री परमपूज्य चारित्रचक्रवर्ति सिद्धांत-पारंगत, योग द्र चूडामणि आचार्य शांतिसागर महाराजने अंतिम सल्लेखनाके समय आपको अपने उत्तराधिकार-आचार्य पट्टपर बारूढ किया है। बतः आपके आचार्य पदालंकृत होनेके
पश्चात् प्रथम भेट रूपमें यह तत्वार्थश्लोकवार्तिकालंकार ग्रंथराजके प्रस्तुत चतुर्थखंडका आपके पुनीत करकमकॉम परमादरपूर्वक समर्पण किया जाता है।
अध्यक्ष आ. कुंथुसागर ग्रंथमाला