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नमस्कार श्लोक
मोक्षमार्ग
विषय
वैशेषिक, वाशुपत, सांख्य, दशबल शिष्य, जैमिनी, वेदान्ती तथागत
मतों का पूर्व रखकर सयुक्तिक निरसन
सम्यग्दर्शन का लक्षण
प्रशमादि का स्वरूप
सम्यग्दर्शन उत्पत्ति के दो प्रकार
जीवादिसात तत्त्व
निक्षेप
निक्षेप चार्ट
अधिगम उपाय
निर्देशादि का कथन सत् आदि का वर्णन
ज्ञान के पांच भेद
ज्ञान ही प्रमाण है।
परोक्ष प्रमाण
विषयानुक्रमणिका
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प्रत्यक्ष प्रमाण
मतिज्ञान के नाम
मतिज्ञान के निमित्त
मतिज्ञान के अवग्रहादि चार भेद
बहु बहुविध आदि का कथन पदार्थ के भेद
बहु
व्यञ्जन अवग्रह
व्यञ्जनावग्रह चक्षु और मन से नहीं होता
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[ निर्देशादि नय प्रमाणरूप है ]
[ सत् श्रादि आठ अनुयोगद्वार नय प्रमाण स्वरूप है ]
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