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________________ त्रिकालवर्ती पर्यायों को एक समय में युगपत्/हस्तामलकवत् प्रत्यक्ष जानने में समर्थ निरावरण अतीन्द्रिय ज्ञान के रूप में आगमग्रन्थों में वर्णित है। बोधकारणम् - भगवान् को ज्ञान का कारण कहकर यहाँ सम्यग्ज्ञान की प्राप्ति में उनका अद्वितीय निमित्तकारणत्व बताया गया है। अज्ञानीजन तो प्राय: मिथ्याज्ञान के ही हेतु होते हैं, जबकि भगवान् का दर्शन एवं स्मरणमात्र भी ज्ञान का कारण माना गया है-“दर्शनं देवदेवस्य दर्शनं पापनाशनम् । चूँकि ज्ञान की प्राप्ति के बिना पाप का नाश संभव ही नहीं है, अत: भगवान के निमित्त से पहले ज्ञान की प्राप्ति होगी और फिर शानपूर्वक आचरण से पाप विनष्ट होंगे -यही भगवान को बोधकारण कहने का अभिप्राय है। यद्यपि भगवान् कोई बुलाकर ज्ञान नहीं देते हैं, परंतु भव्यजीव उनके दर्शन-प्रवचन आदि के द्वारा अपने में सम्यग्ज्ञान प्रकट करते हैं - यही उनका बोधकारणत्व है। अन्तिम दो पंक्तियों में टीका की भाषा एवं मलग्रन्थ का नामकरण सुचित किया गया है। इन्हीं में प्रयुक्त प्रकाशन' शब्द महत्त्वपूर्ण और सुविचारित प्रयोग है। इसके द्वारा टीकाकार ने यह स्पष्ट किया है कि जैसे प्रकाश होने पर वस्तुस्थिति यथावत् स्पष्ट दृष्टिगोचर होने लगती है, किन्तु प्रकाश किसी भी वस्तु को घटाता-बढ़ाता या फेरबदल करता नहीं है, वह मात्र यथास्थिति को स्पष्ट करता है; उसी प्रकार इस टीका में भी मैं (टीकाकार-महासेनपंडितदेव) मूलग्रंथकर्ता अकलंकदेव के अभिप्राय को मात्र स्पष्ट करूँगा, उस पर अपनी कोई टिप्पणी/अभिप्राय/समीक्षा आदि नहीं दूंगा। यह एक आदर्श एवं गुणी टीकाकार का लक्षण है। 'टीका' शब्द की व्युत्पत्ति है - "टीक्यते गम्पते ग्रन्धार्थोऽनया - इति टीका", अर्थात् जिसके द्वारा मूलग्रन्थ का अर्थ सरलतापूर्वक समझा जा सके, वह 'टीका' है। महासेन पंडितदेव ने भी अपनी 'कर्णाटकवृत्ति' नामक इस टीका में इसे चरितार्थ किया है। ...--:- - 1. अमृताशीति, पद्य क्र. 6 से 9 तक । 2. द्र. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग 2; पृष्ठ 145 से 155 तक । 3. दर्शनपाठ, वृहज्जिनवाणी संग्रह; पृष्ठ 35 । 4. आप्टे कृत 'संस्कृत-हिन्दी कोश', पृष्ठ 413।
SR No.090485
Book TitleSwaroopsambhodhan Panchvinshati
Original Sutra AuthorBhattalankardev
AuthorSudip Jain
PublisherSudip Jain
Publication Year1995
Total Pages153
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Metaphysics
File Size3 MB
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