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________________ १२ ] पृ० ३२ चित्र ४५ देखकर सेठ और सेठानी की सुगंधा के अलंकारों के विषय में चिता । सेठ बिदेश यात्रा से लौटकर गुगंधा के पास हुआ । नीली पृष्ठभूमि में सुगंधा हाथ जोड़े खड़ी है। सामने बैंगनी रंग की पृष्ठभूमि में सेठ जिनदास और रूपिणी डुए तकिए के सहारे बैठे हैं। जिनदास का अधोवस्त्र लाल रंग का धारीदार तथा रूपिणी के वस्त्र गहरे हरे रंग के हैं । सुगंधा लाल रंग की चोली और लहंगा पहने है व पीले रंग का फटका है । वह बैंगनी रंग की बुंदकीदार मोहनी बोदे है। आकार ५३ २४ इच । पृ० ३३ चित्र ४६ [ सुगंधवशमी कथा अलंकारों पर राजा की मुद्रा देख उनकी चिता बढ़ी । हरे रंग की पृष्ठभूमि में सेठ जिनदास तथा रूपिणी बड़े-बड़े गेडुए तकियों के सहारे बैठे हैं, और दांयी ओर सुगंधा खड़ी है। सेठ जिनदास रूपिणी से कह रहा है कि इन आभूषणों पर राजा की मुद्रा है, पता नहीं किस चोर ने सुगंधा को लाकर दिये हैं । सेठ का धारीदार अंगरखा और पगड़ी तथा सुगंधा के वस्त्र लाल रंग के हैं। रूपिणी के वस्त्र बैंगनी रंग के हैं । आकार ५४३ इंच । पृ० ३३ चित्र ४७ सेठ जिनदास ने जाकर राजा को यह वृत्तान्त सुनाया । हरे रंग की पृष्ठभूमि पर एक ओर राजप्रासाद में गेडए तकिए के सहारे राजा बैठा है तथा सामने हाथ जोड़े सेठ जिनदास खड़ा है। दोनों के अंगरखे धारीदार तथा बैंगनी रंग के हैं। सेठ की पगड़ी लाल रंग की है। आकार ५४३ इंच | पृ० ३४ चित्र ४८ राजा द्वारा भोज के आयोजन का सुझाव और सेठ की प्रसन्नता नीली पृष्ठभूमि में अंजलिमुद्रा में सेठ जिनदास खड़ा है, तथा सामने भवन में बंगनी पृष्ठभूमि में गेहुए तकिये के सहारे श्रादेश मुद्रा में राजा बैठा है । राजा का अंगरखा धारीदार तथा लाल रंग का है, तथा सेठ का बैंगनी रंग का । आकार ६x४ इंच | पृ० ३४ चित्र ४६ भोज का आयोजन हरे रंग की पृष्ठभूमि में भोज के लिये अतिथि प्राये हैं। बांयी ओर सेठ जिनदास हाथ जोड़े खड़ा है, और सामने चार पुरुष बैठे हैं। इनमें दो के वस्त्र लाल और पगड़ी नीले रंग की है, तथा दो के वस्त्र पीले रंग के हैं ।
SR No.090481
Book TitleSugandhdashmi Katha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1966
Total Pages185
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Biography
File Size5 MB
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