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चन विद्वानों का भी आभारी है जिन्होंने ग्रन्थों के प्रकाश्चन में अनुवादका सम्पादक एवं संशोधक बे का में सही दिया है।
प्र शन में का दाताबों ने अर्थ का सहयोग करके अपनी चंचला लक्ष्मी का सदुपयोग कर पुण्यार्जन किया, उनकी धन्यवाद ज्ञापित करता है। ये ग्रन्थ विभिन्न प्रेसों में प्रकाश्चित हए । एतदर्थ उन प्रेस संचालकों को जिन्होंने बड़ी तत्परता से प्रकाशन का कार्य किया, धन्यवाद देता हूँ। अन्त में उन सभी सहयोगियों का आभारी है जिन्होंने प्रत्यक्ष-परोक्ष में सहयोग किया है।
5. पं० धर्मचन्द्र शास्त्री
अध्या , भारतवर्षीय अनेकान्त विवत् परिषद्