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युग प्रमुख चारित्रशिरोमणि सन्मार्गदिवाकर पूज्य आचार्यश्रो विमलसागरजो महाराज को हीरक जयन्ती प्रकाशन माला
श्रो विद्यानन्दि विरचितम्
सुदर्शनचरितम्
हिन्दी अनुवाद डॉ. रमेशचन्द्र जैन, जैनदर्शनाचार्य
____ एम. ए., पी.एच. डी., डि. लिट् अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, वर्द्धमान कालेज, बिजनौर (उ० प्र०)
अर्थ सहयोग श्री सोहनलाल सम्पतलालजी सबलावत अशोका प्रिटिंग प्रेस, डीमापुर ( नागालैण्ड )
प्रकाशक
भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद्