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पृष्ठ संख्या
पंक्ति
मशुद्ध
१४.
इहता
१४७
प्रश्वाश्वतम
१४६
ऋिमि
प्रशाश्वतम् कृमि तदेवा कृतोद्यमा। मार्गो
१६४ १७४
तवेका कुतोद्यमान मोगों यापा រ मच्छिक्ति
याया
१८५
१९८
दुरित
सूक्ष्मेकमू घि
२१८
मातृगह
यच्छक्तिः दुरित सूक्ष्ममेकम् -रंनि मातह कथम् दारियोप भङ क्तुम् कापण्यम् सहिष्णुत्वं बाक
कथ
२४१
२४२
दारिद्रोप
भवा
२४४
२४८
कार्यण्यम् सहि 'गुत्वं वाक्य
२४० २४८ २४८ २५०
d
प्रतम भवाक्षयं
प्रतप भवक्षय
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