SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 91
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ द्वितीय अधिकार [ ४५ जघन्य उत्कृष्ट आयु का विवरण मेघा पृथिवी प्रचना पृथिवी अरिया पृथ्वी मघदी पृथ्वी | माघदो पृथ्वी | | | पटल पंख्या | जघन्यायु . पंटल सं० जघन्यायु Fe उत्कृष्टायु अधन्यायु उत्कृष्टायु पटल सं० । जवन्यायु उत्कृत्यु पटल सं० जघन्यायु उत्कृष्टायु ३४ सागर १ । ७ साग१ १० सागर ११३ साग १ १७ सागर १५६ साग१ २२ सा३३ सा ,, १४५ .. ३ १८३ .. २२ सागर "७ | १९१० सागर ७ सागर नोट:-यह जघन्य उत्कृष्ट प्रायु का प्रमाणा सातों पृस्चियों के इन्द्रक बिसों का कहा गया है, यही प्रमाण प्रत्येक प्रवियों के धेणीबद्ध और प्रकीर्णक बिलों में रहने वाले नारकियों का जानना चाहिये। (ति०५० २१ २१५)
SR No.090473
Book TitleSiddhantasara Dipak
Original Sutra AuthorBhattarak Sakalkirti
AuthorChetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy