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________________ स्थान १ २ ₹ ४ ५ ६ ७ विशेष विवरण -- प्रासादों की ऊंचाई ५२० योजन ४७० ४२० ३७० ३२० २७० २२० 25 "P "S נו " 12 पंचदशोऽधिकार लम्बाई १०४ योजन ६८ ८४ ७४ ૪ ૪ ४४ ני " 15 " " " चौड़ाई अब इन्द्र के प्रस्थान मण्डप का प्रवस्थान एवं प्रमाण कहते हैं: मध्येऽमरावतीसंज्ञे पुरस्यैशानसद्दिशि । इन्द्रस्तम्भगृहस्यास्ति सभास्थानसुमण्डपः ॥ १७४॥ सुधर्म संस्तुङ्गः पञ्चसप्ततियोजनः । शर्तक योजनायामः पञ्चाशद्विस्तरान्वितः ।। १७५।। ५२ योजन ४७ पूर्वोत्तरविशोदक्षिणाशायां तस्य सन्ति च । द्वष्टयोजनङ्गानि विस्तृतान्यष्ट योजनेः ॥१७६॥ ४२ " ३७ ३२ २७ 22 २२ " " " 11 [ ५४७ अर्थ :- अमरावती नामक नगर के मध्य में इन्द्रस्तम्भ प्रासाद की ईशान दिशा में सभा स्थान नामक सुन्दर मण्डप है, जिसका नाम सुधमं सभा है । इस सुधर्म सभा की ऊंचाई ७५ योजन ( ६०० मील ), लम्बाई १०० योजन ( ८०० मील) और चौड़ाई ५० योजन ( ४०० मील ) प्रमाण है ।। १७४ - १७५ ।। श्रम प्रस्थान मण्डप के द्वार, उनका प्रमाण एवं इन्द्र के सिंहासन का अवस्थान कहते हैं:
SR No.090473
Book TitleSiddhantasara Dipak
Original Sutra AuthorBhattarak Sakalkirti
AuthorChetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size15 MB
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