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________________ पंचदशोऽधिकारा [ ५२५ ब्रह्मस्वर्गेऽमरेशाधीनां कच्छपोऽस्ति लाञ्छन । .. . ब्रह्मोत्तरे भवेभिचन्हं सुकुटे दर्दुरो महात् ।।१०४।। लान्तवे तुरगचिम्ह कापिष्टं च गजः शुमः । शुक्रेऽस्ति चन्द्रमा नागो महाशुक्रऽस्ति लाञ्छनम् ।।१०५॥ शतारे लाञ्छनं खड्गी स्थाविन्द्राद्यमृताशिनाम् । सहस्रारे भवेच्छागो मौलि चिन्हं दिवौकसाम् ।।१०६॥ प्रानतप्राणतस्वर्गयोश्चिन्हं वृषभोस्ति च । प्रारणाच्युतयोश्चिन्हं कल्पवृक्षः सुधाभुजाम् ॥१०७॥ अहमिन्द्रसमस्तानां मौलि चिन्हानि जातु न । वक्ष्ये ऽथात्रामरेशानां वाहनानि पृथक पृथक् ।।१०।। अर्थ :-अब मैं ( प्राचार्य ) सौधर्मादि कल्पस्थित सर्व देवों के मुकुट स्थित चिन्हों को पृथक पृथक् कहूँगा ॥१०१ । सौधर्म स्वर्गस्थ देवों के मुकुटों में वराह का चिन्ह तथा ऐशान स्वर्गस्थ देवों के मुकुटों में मगर का चिन्ह है ।।१०२॥ सनत्कुमार स्वर्ग के देवों के मुकुटों में महिष का चिन्ह और माहेन्द्र स्वर्ग स्थित इन्द्रादि देवों के मुकुटों में मत्स्य का लाञ्छन है ॥१०३|| ब्रह्म स्वर्ग स्थित देवों के मुकुटों में कछुए ( कच्छप ) का तथा ब्रह्मोत्तर स्वर्ग स्थित देवों के मुकुटों में मेंढ़क का चिन्ह है ॥१०४।। लान्तव स्वर्ग स्थित देवों के घोड़े का कापिष्ट स्वर्ग में हाथी का, शुक्र स्वर्ग में चन्द्रमा का और महाशुक्र स्थित देवों के दृकुटों का चिन्ह सर्प है ।।१०५॥ शतार स्वर्ग स्थित हन्द्रादि सर्व देवों के मुकुटों में खड्गो का और सहनार स्वर्ग स्थित देवों के मकुटों में बकरी का चिन्ह है ॥१०६॥ प्रानत-प्राणत स्वर्ग स्थित देवों के मुकुटों में बैल का तथा प्रारण-अच्युत स्वर्ग स्थित देवों के मुकुटों में कल्पवृक्ष का चिन्ह है ॥१०७।। कल्पातीत स्वर्गों में स्थित सर्व अहमिन्द्रों के मुकुटों में कोई भी चिन्ह नहीं हैं । अब मैं ( प्राचार्य ) सौधर्म प्रादि इन्द्रों के वाहनों का कथन करूंगा ॥१०॥ अब इन्द्रों के वाहनों का निरूपण करते हैं: सौधर्मे देवराजस्य गजेन्द्रो वाहनं महत् । ईशाने सुरगः स्यात्सनत्कुमारे मृगाधिपः ॥१०६॥ माहेन्द्र वृषभो ब्रह्मस्वर्गे सारसबाहनम् । अझोत्तरे पिकः प्रोक्तो लान्तवे हंसवाहनम् ॥११०॥
SR No.090473
Book TitleSiddhantasara Dipak
Original Sutra AuthorBhattarak Sakalkirti
AuthorChetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size15 MB
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