SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ३१ ] क्रम सं० पृष्ठ सं० क्रम सं० पृष्ठ सं० २७ सरोवरों में स्थित कमलों का विस्तार १०५ | १६ विजयापर्वत की स्थिति और व्यास १४२ २८ श्री प्रादिदेवियों के भवनों का प्रमाण १०७ | १७ विद्याधरों के नगरों के नाम व वर्णन १४४ २९ देवियों के निवास, प्राय और स्वामी १०८ | १८ विजया को द्वितीय श्रेणी का वर्णन १४८ ३० श्रीदेवी के परिवार कमलों का अवस्थान | १६ सिद्धायतन कूट का वर्णन १४६ व प्रमाण १०८ | २० अवशेष वटों के स्वामी १५० ३१ श्रीदेवी के सम्पूर्ण परिवार कमलों का २१ विजयाधं सम्बन्धी वनों का विवेचन १५० प्रमाण २२ भरतक्षेत्र के छह खण्ड और पायो का ३२ परिवार कमलों का और उनके भवनों स्वरूप का घास २३ म्लच्छ खडो को अवस्थिति एव म्लेच्छों ३३ सम्पूर्ण पद्मगृहों में जिनालय का स्वरूप १५१ ३४ सात प्रकार की सेनाएं ... ... ११४] २४ अयोध्यानगरी की स्थिति ३५ उत्तम चारित्र द्वारा पुण्यार्जनकी प्रेरणा ११५ | २५ वृषभाचल का स्वरूप निरूपण पंचम अधिकार/महानदी, गिरि वर्णन | २६ जघन्य भोगभूमि का स्वरूप १५२ २७ नाभिपर्वतों के नाम, प्रमाण, स्थान व १ मंगलाचरण एवं प्रतिज्ञा ११७ स्वामी २ चतुर्दश महानदियों के नाम २८ अधिकारान्त मंगलाचरण १५५ ३ नदियों के गिरने का स्थान ११७ ४ नदियों के निर्गमद्वार षष्ठ अधिकार/विदेह क्षेत्र वर्णन ५ गंगानदी की उत्पत्ति और उसका गमन ११६ | १ मंगलाचरण एवं प्रतिज्ञा ६ प्रणालिका की प्राकृति और प्रमाण १२० २ सुदर्शन मे वर्णन ७ गिरती हुई गंगानदी का विस्तार १२० ३ ऐरावत हाथी का वर्णन ८ उम्नगा और निम्नगा नदियों का वर्णन १२३ ४ ऐशान आदि अन्य इन्द्रों, अहमिन्द्रों की , मागधद्वार का व्यास, तोरण द्वार १२४ ___स्थिति १. निर्गमहार आदि का व्यास १२५ ५ तीर्थकर जन्माभिषेक क्रिया १७३ ११ तोरणद्वारों का विशेष वर्णन ६ भद्रशाल वनस्थित जिनालयों का प्रमाण १७४ १२ जम्बूद्वीपस्थ समस्त कुण्ड आदि का व्यास १२६ ! ७ त्रैलोक्य तिलक जिनालय का वर्णन १७४ १३ अवशेष नदियों के निर्गम ग्रादि का द्वार वर्णन कथन १२७ मालाओं, धूपघटों, स्वर्णघटों का १४ महानदियों की परिवारनदियां प्रमाण १७५ १५ समस्त नदियों को वेदिकाएं पीठ, सोपान, जिनप्रतिमा वर्णन १७६ १४२ । ११७ १७० १७२
SR No.090473
Book TitleSiddhantasara Dipak
Original Sutra AuthorBhattarak Sakalkirti
AuthorChetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy