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जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहीं देवता रहते हैं। हिन्दी अनुवाद सहित
२१ अर्थ अगोचर शास्त्रना, पूछे भूपति जेह । बुद्धि बले बेहु बालिका, आपे उनर तेह ॥३॥ अध्यापक आण िदया, सज्जन सवे · सुख पाय । चतुर लोक चित्त चमकिया, फल्या मनोरथ माय ॥४॥ विनय वल्लभ निज बालनी, शास्त्र सुकोमल भाख ।
सरस जिमी सहकास्नी, साकर सरसी साख ॥५|| प्रजापाल-प्रिये कोमल मति बच्चों को अध्यापकों के हाथ सौंप कर निश्चित बैटे रहना उचित नहीं । बचपन के भले बुरे संस्कार मिटाये नहीं मिटते । सुरसुन्दरी
और मयणासुन्दरी को बुलाया जाय । देखें, उनमें विनयादि गुणों का विकास और उनका अध्ययन कैसे क्या हुआ है ? ।
पिता श्री की सूचना से सद्गुणी दोनों बहिनें सुन्दर वस्त्रालंकार पहिन कर अपने अध्यापकों के साथ राजसभा में आ उपस्थित हुई। पश्चात वे प्रजापाल के चरणस्पर्श कर, अपनी माता के पास जा बैठी । अध्यापकों ने भी राजा को आशीर्वाद दे, आसन ग्रहण किया ।
कई दिनों के बाद राजकुमारियों को देख राजा का हृदय भर आया, आखें डबडबा आई । आशीर्वाद दे राजा ने परीक्षा लेना आरम्भ की।
प्रश्नः-(१) बिना आग के कौन जलाती है ? उत्तरः-ईर्षा, तृष्णा, चिन्ता, कर्जदारी, नव-जवान, कुंआरी लड़की, विधवा बहु बेटी । प्रश्न:-(२) वशीकरण का सिद्ध मन्त्र क्या है ? उत्तर:-अभिमान का त्याग, निःस्वार्थ जन सेवा, मधुर भाषण सत्संग, सत्य व्यवहार ।
प्रश्न:-(३) सुख कहां है ? भोजन में, भोग में, · भटकने में, भगवान के मन्दिर में, भजन में? .
उत्तरः-नहीं, कहीं नहीं । सुख है अच्छे आचरण में । अपनी आत्मा में । बाहर नहीं । मावन तपाना । (२२) कपड़े सीना । (२३) तरना । (२४) घर को सुव्यवस्थित रखना (२५१ कपड़ घोना । (२६) केश-शृंगार (२७ मृदु भाषण वाक्पटुता । (२८) बांस के टोकने, पखे, चटाई आदि बताना । (२९) कांच के बर्तन बनाना । (३०) बाग बगीचे लगाना, वृक्षारोपण, अल सींचन करना । (३१) शस्त्रादि निर्माण (३२) गादी गोदड़े-तकिये बगना (३३) तल निकालना । (३४ वक्ष पर चढना । (३५, बच्चों का पालन पोषण करना । (३६) खेनो करना । (३) अपराधो का