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ॐ ही श्री सिद्धचकाय नमः
HABHARAKHAN
समर्थ विद्वान् उपाध्याय श्री विनयविजयजी और उपाध्याय श्री यशोविजय जी का
संगीतमय गुजराती ४८ ढालों सहित
श्रीपाल-रास और हिन्दी विवेचन
: हिन्दी विवेचन लेखक :
श्रीसौधर्मबृहत्तपागच्छीय मुनिश्री न्यायविजयजी महाराज साहित्य रत्न. काव्यतीर्थ ज्योतिष विशाग्द
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प्रकाशक : फोन : १०६
श्री राजेन्द्र जैन भवन तलाटी रोड पालीताणा (मौराष्ट्र)
मूल्य ५०-०० KAKKAREAKINER