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श्रीमद्गणघरगोतमस्वामिसंदृधं श्रुतकेवलिश्रीमद्भद्रबाहुस्वामिसुत्रितनियुक्तिचूर्णियुतंHTHHATAM श्रीमजिनदासगणिमहत्तरकृतयासूत्रचूर्णा समेत175 ) श्रीमदावश्यक्रसूत्रं (पूर्वभागः) ।
- प्रकाशिका-जामनगरवार्तव्य श्रेलिपारशीभाइदेवराजस्य सतमुपुत्रलक्ष्मीचन्द्रस्पस्मरणार्थ तत्सुपुत्र बुमलालेस्यनेन कृतेनार्थसाहायेन
श्रीऋषभदेवजी केशरीमलजी म्वेतांबरसंस्था रतलाम. मुद्रयिता-इन्दौर नपरे श्री जैनबन्धुभद्रणालयाधिपः श्रेष्ठी जुहारमल मिश्रीलाल पालरेचा. मल्पा २५० वीरसंवत् २४५४ विक्रमसंवत् १९८४ कास्टिसन १९२८ . ग्राहकाणां पयं :--- 0000000ooooooooooooooooooooooooooooooooooon
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