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अर्थ--पूर्ववत. १४. पलिओवेमस्स भागो, असंखिजइमो भवे । आउठिई खहयराणं, अंतोमुहुत्तं जहमिआ ॥ १८६ ।। | का अर्थ-(खहयराणं) खेचरोनी ( प्रारठिई ) आयुस्थिति उत्कृष्टथी ( पलिनोवमस्स) पन्योपमना (असंखिजइमो) | असंख्यातमो ( भागो) भाम (भवे ) छे, अने (जहधिमा) जघन्य स्थिति ( अंतोमूहुतं ) अंतर्मुहूर्त्तनी छे. अहीं Sil पल्योपमना असंख्यातमा भागनुं आयुष्य युगलिक पक्षी- जाणवू. ते सिवाय बीजा गर्भज पीओनुं आयुष्य पूर्वकोटि का प्रमाण छे, अने संमूर्छिमनुं बहोतेर हजार वर्षतुं छे. १८६. * असंखभागो पलिअस्स, उक्कोसेण उ साहिया। पुव्वकोडिपुहुत्तेणं, अंतोमुहुत्तं जहमिश्रा ॥१९०।। | कायठिई खहयराणं, अंतरं तेसिम भवे । कालमणमुक्तीसं, अंतोमुंहत्तं हलगं ॥ १९१ ॥
अर्थ-- -( खहयराणं) खेचरोनी ( कायठिई ) कायस्थिति ( उक्कोसेण उ ) उत्कृष्टी (पलिअस्स ) पत्योपमनो * (असंखभागो) असंख्यातमो भाग अने (पुच्चकोडिपुहुनेणं) पूर्वकोटि पृथक्त्व छ, तथा ( जहलिमा ) जघन्य स्थिति
( अतोमुहुत्तं ) अंतर्मुहूर्त्तनी ( साहिआ ) कहीं छे. तथा ( तेर्सि ) तेमर्नु (अंतरं ) आंतरं ( इमं ) आ प्रमाणे (भवे) - छ.-(उकोर्स ) उत्कृष्टथी ( अणंतं ) अनंत ( कालं ) काळ अने ( जहमगं) जघन्य (अंतोमुहुर्त ) अंतर्मुहर्तन के. १९०-१९१