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हवे अाठमुं समाधिस्थान कहे छ
नो भइमायाए पाणभोअणं आहारइत्ता हवा से निग्गंथे, तं कहमिति चे ? आयरिआह-नि|| गथस्स खलु अइमायाए पाणभाअणं आहारेमाणस्त बंभयारिस्त बंभचेरे संका वा कंखा वा जाव धम्माओ भंसिजा, तम्हा खलु नो निग्गंधे अइमायाए पाणभोअणं भुजिजा ॥ ८-११ ।।
अर्थ-(श्रइमायाए ) अतिमात्रा वडे एटले पुरुषनो आहार बत्रीश कवळ प्रमाण अने स्त्रीनो भट्ठावीश कवळ प्रमा| ण करो छ, तेथी अधिक प्रमाणडे ( पाणभोसणं) पान भोजनने (आहारहत्ता) श्राहार करनार (नो हवा) जेन |* होय ( से ) ते (निग्गंधे ) निग्रंथ कहेवाय छे. शेष सूत्रनो अर्थ प्रसिद्ध छे, मा आठमुं समाधिस्थान थयु-११. हवे नवमुं समाधिस्थान कहे छे.
नो विभूसाणुबाई हवई से निगंथे, तं कहमिति चे ? आयरिआह-विभूसावत्तिए खलु विभूसियसरीरे इस्थिजणस्स अहिलसणिजे हवइ, तओ णं तस्स इथिजणेणं अभिलसिज्जमाणस्त बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा जाव धम्माओ भीसज्जा, सम्हा खलु नो निग्गथे विभूसाणुवाई सिआ ॥ १-१२॥