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विषयानुक्रमणिका
क्रमांक विषय
पृष्ठ | ऋाक विषय प्रथम अध्ययन
अध्ययन १ आनन्द घमणोपासक
१ | १९ श्रमणोपासक चुल्लशतक २ वन प्रतिज्ञा
ठा अध्ययन ३ असिंचार
१४ | २० श्रमणोपासक कुण्डकौलिक ४ मानन्दजी का अभिग्रह
२५ | २१ नियतिवाद पर देव से चर्चा ५ आनन्दजी ने संथारा किया
३५ / २२ देव पराजित हो गया। ६ बानन्दजी को सबधिन्नान
३६ ] २३ कुण्डकीलिक नुम धन्य हो ७ गौतम स्वामी का रामागम
सप्तम अध्ययन ८ मा सत्य का भी प्रायश्चित्त होता है ? ४०
२४ श्रमणोपासक सकढालपुत्र द्वितीय अध्ययन
२५ सकडालपुत्र को देव-सन्देवा ९ श्रमणोपासक मामदेव
२६ भगवान् और मानाडालगुत्र के प्रश्नोत्तर ८८ १० देव उपसर्ग-पिशाच रूप
२७ सफडालपुत्र ममन्ना और श्रमणोपासक बना ९६ ११ " हस्ती रूप से घोर उपसर्ग २८ अग्निमित्रा श्रमणोपामिका हुई ९२ १२ " सर्प रूप
२९ सकडासपुत्र को पुनः प्राप्त करने १३ कामदेव तुम धन्य हो । इन्द्र से प्रांगित ५५
गांशालक आया १४ कामदेव का आदर्श
३. मकडालपुत्र ने गोणारलाफ का आदर नहीं तृतीय अध्ययन
दिया १५ चूलनीपिता श्रमणोपासक
| स्वार्थी गौशालक भगवान की प्रशंसा १६ ठूलनीपिता देव पर झपटता है
करता है १५ वन-भंग हुआ प्रायश्चित्त लो
| मै भगवान् से विवाद नहीं कर सकता ५९ चतुर्थ अध्ययन
३३ में तुम्हें धर्म के उद्देश्य से स्थान नहीं देता १०० १८ श्रमणोपासक सुरादेव
६. | ३४ देवोपसर्ग
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