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अरु पूर्वभव में जिनके पास दीक्षा धारी, तिन गुरुनके नाम कहे। आगे मुनि होय, कौन-कौन, किस-किस स्वर्ग गये। अरु तहां तें चय, तीर्थंकर भये। तिन स्थानके नाम कहिए हैं-आदिनाथ, धर्मनाथ, शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ, ये च्यारि-जिन तो, सर्वार्थ सिद्धि ते आये है। बस अजितनाश, अभिनन्दा गा, ये सौर विजय विमान ते आये और चन्द्रप्रभ अरु सुमतिनाथ ये दोय जिन, वैजयंत विमान ते आए। अरु नेमिनाथ अरहनाथ ये दोय जिन, बैजयन्त विमान से आए। अरु नमिनाथ अरु मल्लिनाथ ये दोय-जिन, अपराजित विमान ते आए। थे तो पञ्च अनुत्तरनके कहे। अरु पुष्पदन्त, आरण नाम पन्द्रहवें स्वर्ग में आए। अरु शीतलनाथ, अच्युत स्वर्ग ते भार। अरु श्रेयांसनाथ, अनन्तनाथ अस महावीर, ये तीन जिन, बारहवें स्वर्ग ते आए । जर विमलनाथ, पार्वनाथ, मुनिसुव्रत, संभवनाथ, सुपार्श्वनाथ, पद्मप्रभ ये छह जिन ग्रैवेयक रौं आए । अरु वासपूज्य स्वामी, महाशुक्र नामा दशवें स्वर्ग ते आए। ऐसे चौबीस-जिन जहाँ त पाए, सो स्थान कहे। आगे चौबीस-जिनकी, जन्मपुरी के नाम अनुक्रम तैं कहिए है-अयोध्यापुरी, अयोध्यापुरी, श्रावस्तीपुरी, अयोध्यापुरी, अयोध्यापुरी, कौशांबी पुरी, काशीपुरी, चन्द्रपुरी, किष्किंधापुरी, भद्रशालपुरो, सिंहपुरी, चम्पापुरी, कपिलापुरी, अयोध्यापुरी. रतनपुरो, हस्तिनापुरो, हस्तिनापुरी, हस्तिनापुरी, मिथिलापुरी, कुशाग्रपुर मथुरापुरी, शौर्यपुर, वाराणसी और कुण्डलपुर । इति जन्म नगरी। आगे जन्मके नक्षत्र अनुक्रम ते बताईए हैं-उत्तराषाढ़में वृषभका जन्म, रोहसी, ज्येष्ठा, पुनर्वसु. मघा, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़, श्रवण, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपदा, रेवती, पुष्प, भरणी. कृत्तिका, रोहणी, अधिनी, श्रवण, अचिनी, चित्रा, विशाखा, और उत्तरा फाल्गुनी। इति जन्म नक्षत्र । आगे जिन वृक्षनके नीचे दीक्षा लई तिनके नाम-वृषभदेव का दीक्षा वृक्ष वट। औरन के क्रमसे सपृच्छद, शाल, सरल, प्रयगु, प्रयंगु सिरीष वृक्ष, नाग सालिष, शाल, बिन्दुक, जयप्रिय, जंबु पोपल, दधिपर्श, नन्द, तिलक, जाम्र, अशोक, मौलश्री, मेषपर्श, भव, अरु शाल। ये चौबोस-जिनके दीक्षा-वृक्ष कहे। इनके नीचे दीक्षा धारी। आगे निर्वाण होनेके नक्षत्र कहिरा है-तहां सुपार्श्वनाथका निर्वाण नक्षत्र अनुराधा। चन्द्रप्रमका निर्वाण नक्षत्र ज्येष्ठा। वासुपूज्यका निर्वाण नक्षत्र अश्विनी। विमलनाथका निर्वाण नक्षत्र भरणी। महावीर स्वामी का नक्षत्र स्वाती है। ये पांच जिन के निर्वाण नक्षत्र कहे। औरन के निर्वाण नक्षत्र पर जन्म नक्षत्र एकही जानना। ऐसे