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________________ सिर- कम्पित, मूक, अँगुली, भ्रूविकार, सुरापान, दिशावलोकन, ग्रीवा, परिणमन, निष्ठीवन और अमरक्ष । इनका अर्थ-तहाँ घोड़े को नई खड़ा होय सामायिक करें, सो घोटक दोष है । २ । सामायिक करते शरीरकों बेलि की नोई आंका-बांका करें सो लता दोष है | २| सामायिक करते शरीरकों स्थम्भ तथा भौति का सहारा देय खड़ा होय सामायिक करे तथा शास्त्र के अर्थ चिन्तन करि रहित, शून्य चित्त करि, स्तम्भ f को नई खड़ा होय, सामायिक करै, सो स्तम्भ दोष है । ३ । सामायिक करते महल, गुफा, गृह, कुटी, सु " ५१५ मराsपादिक वांच्छे, सो कूट्या दोष है |8| सामायिक करते ऊँचा सिंहासन, पाटा या चौकी पर खड़ा होय, सामायिक करै, सो माला दोष है । ५ । जैसे कोई भली स्त्री. लज्जा सहित अङ्ग छिपाय खड़ी होय तैसे वस्त्र तैं व कर तैं अङ्ग ढाकि खड़ा होय, सो वधू दोष है । ६ । सामायिक करते व्युत्सर्ग समय लम्बे हाथ करि अर्द्ध नमस्कार करें, सो लम्बोतर दोष है | ७| सामायिक करते अपने शरीरको निरखे सो भला कोमल, सुन्दर, शुभाकार देख खुशी होय अरु मलिन, क्षीण शोभा रहित देखे तथा श्याम कर्कश देखें, तो मन में बेराजी होय, सो तन दृष्टि दोष है । ८ । जहाँ सामायिक करते काक को नोई नेत्र चंचल राख, चारों दिशा अवलोकन करें, सो वायस दोष है । ६ । सामायिक करते घोटक की नाई दांत चबाया करै मुख तन कठोर राखै, सो खलिन दोष है । १० । सामायिक करते वृषभ की नाई नार (ग्रोवा) कूं ऊँची-नीची करें. सो जुग दोष है । ११ । सामायिक करते मूंकी बांधि सामायिक कूं खड़ा होय, सो कपित्थ दोष है । १२ । सामायिक करते शोश धुनै-हिलावे, सो शिरःकम्पित दोष है। २३ । सामायिक करते मुख नाक नेत्र बांके (टेढ़े) करता जाय, सो मूक दोष है । २४ । सामायिक करते हाथ-पांव की अंगुली हिलावे, सो अंगुली दोष है । १५ । सामायिक करते नेत्र वक्र करें, भौंह धनुषाकार चढ़ावै, दृष्टि बांकी करें, सो भ्रूविकार दोष है। २६। सामायिक करते मतवाले की नाईं भूमैं, सौ सुरापान दोष है । १७ । सामायिक करते नोचा ऊँचादि दशों दिशा, इत उत देखा करै, सो दिशा अवलोकन दोष है। १८ । तहां सामायिक करते ग्रीवा (गर्दन) को इत उत हिलाय बांकी नीची-ऊँची करें, सो ग्रोवा दोष है । २६ । सामायिक करते ध्यान तजि और ही क्रिया करने लागे, सो परिणामन दोष है। २० । सामायिक करते मुख तें फूके, नाक तैं नाक मैल काढ़े तथा तन के अङ्गोपाङ्ग मर्दन करि मैल ५१५ 8 रं मि पी
SR No.090456
Book TitleSudrishti Tarangini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTekchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages615
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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