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________________ कहावे सो श पुत्र को प्राभषण हैं । धर्म अपेक्षा चल्या जाया जो अनादिकाल का श्रावकन का धर्म, ताकौ उत्तम । जानि संपत प्रारती रादि उत्पा , लकी परम्पराल लिये देव-धर्म-गुरु की विनय सहित, च्यारि प्रकार | संघ की सेवा कू लिये, शुभाचार रूप, देव-धर्म-गुरु की श्रद्धा सहित, धर्मको दृढ़ करि, अशुद्ध क्रिया आचारकू टालिक, अपने कुल-मर्याद जो श्रावक-धर्म की परिपाटी, बड़े चले आए ता प्रमाण माता-पिता के आप चाल, कुल-धर्मत छुटै नाहीं। आप माता-पितान की धर्म-मर्यादा नहीं तजै, सो पुत्रको आभषश है ।श लौकिक अपेक्षा स्त्री मण्डन दोऊ पत्त की मर्यादाक पवित्र करती। गुरुजन जो सास-स्वसुर-भर्तारादि तथा माता-पिता तिन दोऊ पक्ष में विनय सहित चलन होय, सो स्त्रो को आभषण हैं। या करि लोकन तें प्रशंसा पावै, भली दीखै है । धर्म आभूषण ये हैं जो शुभाचार सहित होय, शोल-श्रृङ्गार जाके उर में होय, पति आशा में तत्पर होय, देव-धर्म-गुरु को परिपाटी की जाननहारी, दृढ़ श्रद्धान सहित होय सी स्त्री, धर्मात्मा, लजा के भार करि नम्रोभत दृष्टि धरै, संसार भोगन ते उदास, भर्तार आज्ञा भङ्ग नहीं करवेकं भोगनक भोगते है। ऐसे गुण सहित जा स्त्री के आभूषण होय, सो स्त्री महासुन्दर जानना । यह कहे जै गुस, सो स्त्रोन के आभूषण हैं । १३ । रोसे कहे जे कर्म-मण्डन आभूषण और धर्म-मण्डन आभूषण, सो विवेको ऊँचकुली धर्मात्मा पुरुषन कौं, दोऊ जाति के आभूषण पहरना योग्य है। कम-मण्डन ते तन भला दी है, इहाँ शोभा पावै और धर्म-मण्डन ते या भव, पर-भव दोय ही भव, शोभा होय है । तातें ऐसा जानि, रोसे दोऊ भव यश-सस्त्र निमित्त, दोऊ आभूषण उर विषै धारणा योग्य है। ऐसे दोऊ भव सुधारने का निमित्त योग्य काय, कोई दीर्घ-पुण्य तें मिले है। तातै भव-भव मैं सुख यश जिनको चाहिए, सो भव्यात्मा धर्म का शरण लेह । ऐसे शुभ खान-पान तथा अशुभ खान-पान तथा स्वी-धम के भेद तथा धर्म-कर्म आभूषण इत्यादिक कथन ऊपर कहि आए सो विवेकी जीवन • इन विषं ज्ञेय-हेय-उपादेय करना योग्य है। अशुभ आचार का त्याग व शुभ का ग्रहण कार्यकारी है। इति श्री सुदृष्टि तरङ्गिणी नाम ग्रन्थ मध्ये, शुभाशुभ आचार, स्त्री-धर्म वर्णन, धर्म-कर्म आभूषण कथन वर्णनो नाम द्वादश पर्व सम्पूर्णम् ॥ १२ ॥
SR No.090456
Book TitleSudrishti Tarangini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTekchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages615
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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